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आधार कार्ड की यूनिक आईडी देने का आदेश करने का जिला जज को अधिकार नहीं

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आनलाइन धोखाधड़ी के केस में क्राइम ब्रांच को आधारकार्ड की यूनिक आईडी देने के जिला न्यायाधीश प्रयागराज के प्रशासनिक आदेश की वैधता चुनौती याचिका पर राज्य सरकार व क्राइम ब्रांच से जवाब मांगा है।

Aditya Mishra
Published on: 8 May 2019 2:36 PM GMT
आधार कार्ड की यूनिक आईडी देने का आदेश करने का जिला जज को अधिकार नहीं
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प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आनलाइन धोखाधड़ी के केस में क्राइम ब्रांच को आधारकार्ड की यूनिक आईडी देने के जिला न्यायाधीश प्रयागराज के प्रशासनिक आदेश की वैधता चुनौती याचिका पर राज्य सरकार व क्राइम ब्रांच से जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एस.के. गुप्ता तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथारिटी आफ इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर एस.के. पांडेय के मार्फत दाखिल याचिका पर दिया है।

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याचिका पर भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी ने बहस की। इनका कहना है कि कानून के तहत जिला जज की कोर्ट को ऐसा आदेश देने का अधिकार नहीं है। अब कानून संशोधन के बाद यह अधिकार हाईकोर्ट को मिल गया है। ऐसे में जिला जज ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर आदेश दिया है। जो विधि विरुद्ध है।

मालूम हो कि बिहार के रवि कुमार ने प्रियदर्शिनी गैस एजेंसी नैनी के मालिक अजीत मेहता को भारत पेट्रोलियम के एरिया मैनेजर की हैसियत से फोन कर रूपये मांगे।

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उन्होंने बताये गये बैंक खाते में ढाई लाख रूपये जमा कर दिए। पैसा पटना के देवरिया शाखा इलाहाबाद बैंक में जमा हुआ। दुबारा डेढ़ लाख जमा किया। फिर 3 लाख की मांग की तो शक हुआ। पता किया तो एरिया मैनेजर ने फोन कर रूपये नही मंगाए तो एफआईआर दर्ज हुई।

पटना के रवि कुमार ने एरिया मैनेजर बनकर ठगी की है। फर्जी आधार कार्ड दिया है। क्राइम ब्रांच ने रविकुमार के आधार कार्ड की यूनिक आई डी मांगी थी जिसे जिला जज ने देने का आदेश दिया जिसे भारत सरकार ने चुनौती दी है।

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Aditya Mishra

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