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Diwali Mein Surya Grahan: दिवाली पर सूर्य ग्रहण का साया, यहां जाने कब से लग रहा सूतक, ऐसे बरतें सावधानी
Diwali Mein Surya Grahan 2022: इस साल का ये आखिरी सूर्यग्रहण भारत समेत दुनिया के अन्य कई देशों में प्रभावकारी है। भारत में मुख्यत् दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वाराणसी, मथुरा में सूर्यग्रहण दिखाई देगा।
Diwali Mein Surya Grahan 2022: हिंदूओं का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली होता है। हर साल दिवाली कार्तिक अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। लेकिन इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण इसी अमावस्या तिथि को लग रहा है। अमावस्था अक्टूबर महीने में 24-25 तारीख को यानी दोनों दिन रहेगी। जिसमें से 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05:27 बजे से अमावस्या तिथि शुरू होगी, जोकि दूसरे दिन 25 अक्टूबर 2022 दोपहर 04:18 बजे तक चलेगी। जबकि सूर्य ग्रहण भी 25 अक्टूबर दिन मंगलवार अमावस्या तिथि को लग रहा है।
ऐसे में दिवाली का त्योहार इस साल 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। क्योंकि 25 अक्टूबर को अमावस्या शाम से पहले ही खत्म हो जाएगी।
इस साल का ये आखिरी सूर्यग्रहण भारत समेत दुनिया के अन्य कई देशों में प्रभावकारी है। भारत में मुख्यत् दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वाराणसी, मथुरा में सूर्यग्रहण दिखाई देगा। साथ ही सिवाए पूर्वी भारत के इस सूर्य ग्रहण को पूरा पूर्वी भारत देख सकता है।
सूर्यग्रहण के बारे में शास्त्रों में बताया जाता है कि सूर्यग्रहण जिस समय पड़ता है उस समय भगवानों पर कष्ट पड़ते हैं इसलिए भगवान के नाम का जाप करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं कि सूर्य ग्रहण पर क्या करना चाहिए।
सबसे पहले तो सूर्य ग्रहण एक भौगोलिक घटना है जिसे सीधे आंखों से नहीं देखा जाता। चश्मा लगाकर ही सूर्य को देखना चाहिए।
सूर्य ग्रहण का दिन और समय
भारतीय समयानुसार इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर दिन मंगलवार को दोपहर 4 बजकर 29 मिनट से शाम 5 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। मतलब कि सूर्यग्रहण 01 घंटा 14 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सूर्यास्त के साथ ग्रहण 05:43 PM पर पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
क्या है सूतक
शास्त्रों में बताया गया है कि ग्रहण लगने से पहले के समय को अशुभ माना जाता है जिसकी वजह से इस समय को सूतक काल कहा जाता है। बता दें, सूतक काल में कोई शुभ और मंगल काम नहीं होता है।
ग्रहण और सूतक काल में ये करें और ये न करें
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के दिन सूतक काल में कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए।
ग्रहण के दौराम भगवान की सच्चे मन से भक्ति की जाती है।
साथ ही सूतक काल से पहले ही खाना बनाकर खा लें। इसके बाद अगर कुछ खाना या पेय पदार्थ रखा हो भी उसमें तुलसी की पत्ती डाल देंगे।
ध्यान से सूतक और ग्रहण काल में दांतों की सफाई और बालों में कंघी नहीं करनी चाहिए।
इस दौरान मंदिर के कपाट बंद कर देने चाहिए।
ग्रहण के दौरान सूर्य भगवान के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
इसके बाद सूतक काल समाप्त होने के बाद पूरे घर की सफाई करके भगवान की पूजा करें।
ध्यान देते हुए गर्भवती महिलाओं को अपना ध्यान रखना चाहिए। और बड़े-बुजुर्गों से सलाह लेनी चाहिए।
सूर्य ग्रहण में "ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात" मंत्र का जाप करें।