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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की लोगों से गुजारिश- स्वीमिंग पूल को प्रदूषित न करें

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि स्वीमिंग पूल से आने वाली जिस गंध को लोग क्लोरीन की गंध समझते हैं, अक्सर वह विभिन्न रसायनों की गंध होती है,

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Published on: 14 July 2017 11:09 AM IST
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की लोगों से गुजारिश- स्वीमिंग पूल को प्रदूषित न करें
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नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि स्वीमिंग पूल से आने वाली जिस गंध को लोग क्लोरीन की गंध समझते हैं, अक्सर वह विभिन्न रसायनों की गंध होती है, जो क्लोरीन में मूत्र, मल, पसीना और धूल मिलने से उत्पन्न होते हैं। आईएमए के अनुसार, पूल में नहाने के बाद यदि आपकी आंखों में लालिमा और जलन महसूस हो तो यह क्लोरीन की वजह से नहीं, बल्कि मूत्र की वजह से हो सकती है। इससे रासायनिक एलर्जी भी हो सकती है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "क्लोरीन जब मूत्र के संपर्क में आती है तो अमोनिया तैयार होता है, जिसे क्लोरामाइन कहते हैं। इसकी एक खास गंध होती है और यह श्वसन संबंधी समस्याओं के अलावा आंखों में संक्रमण भी पैदा कर सकता है।"

उन्होंने कहा, "डायरिया से पीड़ित लोग क्लोरीन का असर खत्म करने वाले एक परजीवी- क्रिप्टोस्पोरिडियम को भी पानी में फैला सकते हैं, जो नियमित रूप से पूल में नहाने वालों में जलजनित रोगांे का कारण बनता है। पूल में डायरिया के लिए जिम्मेदार कुछ जीवाणु भी हो सकते हैं, जो वहां कुछ मिनट से लेकर कई दिनों तक जीवित रहते हैं।"

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "एक बार प्रदूषित होने के बाद पूल के इस पानी को यदि किसी ने थोड़ा सा भी निगल लिया तो उसे संक्रमण हो सकता है। मूत्र में मौजूद नाइट्रोजन युक्त रसायनों को निष्क्रिय करने के लिए पूल में और अधिक क्लोरीन डालने की जरूरत हो सकती है।"

आईएमए प्रमुख ने कहा कि यह आवश्यक है कि पूल में नहाते वक्त आप स्विमिंग गॉगल्स का प्रयोग करें। आजकल पानी की शुद्धता जांचने के लिए टेस्ट स्ट्रिप्स भी मिलती हैं, जिनसे रसायनों का स्तर परखा जा सकता है। पानी से निकलने के बाद आंखों में लुब्रिकेंट की कुछ बूंदें डालने से जलन कम की जा सकती है।

उन्होंने बताया, "इनडोर पूलों में अधिक खतरा रहता है, क्योंकि जलन उत्पन्न करने वाले रसायन आसपास की हवा में घुलकर खांसी, चक्कर और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में अस्थमा उत्पन्न कर सकते हैं। ऐसे में सभी की जिम्मेदारी होती है कि पूल प्रयोग करते समय उसे स्वच्छ रखने की कोशिश करें।"

पूल की स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए निम्न बिंदुओं पर ध्यान दें :

* तेज दरुगध पर ध्यान दें। साफ स्वच्छ पूल के आसपास तीव्र गंध नहीं आनी चाहिए।

* पानी को ध्यान से देंखे कि उसमें किसी तरह की गंदगी तो नहीं।

* पानी के अंदर मूत्र त्याग न करें और अपने बच्चों को भी यह बात समझाएं।

* पानी को मुंह में न लें, न ही निगलें।

* डायरिया होने पर पूल में न जाएं।

* पूल से बाहर आकर तत्काल नहा लें।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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