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आखिर मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने किसे कहा कुत्ता

raghvendra
Published on: 27 July 2018 12:08 PM GMT
आखिर मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने किसे कहा कुत्ता
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दुर्गेश पार्थसारथी

चंडीगढ़: बड़बोले व जुमलों के लिए प्रसिद्ध प्रदेश सरकार में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पिछले दिनों चंडीगढ़ में एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि मैं पंजाब को कुत्तों के हवाले नहीं छोड़ सकता। अब सवाल यह उठता है कि आखिर में सिद्धू ने कुत्ता किसे कहा। क्या अपने घोर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अकाली दल बादल के लिए कुत्ता शब्द का इस्तेमाल या आम आदमी पार्टी के लिए या फिर कांग्रेस पार्टी में ही उन नेताओं के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जो सिद्धू की राह में रोड़ा अटका रहे हैं। सिद्धू का यह साक्षात्कार प्रकाशित होते ही इस पर कड़ी प्रतिक्रिया आने लगीे। सबसे पहले तो उन्हीं की पार्टी के नेताओं ने सिद्धू को मर्यादा का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया।

बाजवा ने मांगा सिद्धू से जवाब

अवैध कॉलोनियों की पॉलिसी को लेकर स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री राजिंदर सिंह बाजवा इन दिनों आमने-सामने हैं। सिद्धू के बयान की आलोचना करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री बाजवा ने कहा कि सिद्धू साफ करें कि उन्होंने कुत्ता किसे कहा है। अगर सिद्धू अकाली दल बादल या आम आदमी पार्टी के बारे में भी ऐसा कह रहे है तो यह दुख की बात है। वे प्रदेश की राजनीति को कौन सी दिशा देना चाहते हैं। सिद्धू जैसे लोगों को इस तरह का अमर्यादित बोल शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि अगर सिद्धू ऐसा कहना ही चाहते हैं तो उस व्यक्ति या पार्टी का नाम लेकर स्पष्ट करें।

सिद्धू के बोल से तिलमिलाए बाजवा यही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि सिद्धू यह न सोचें की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 78 सीटें सिद्धू की बदौलत मिली है। यह सीटें कैप्टन अमरिंदर सिंह व टकसाली कांग्रेसियों की बदौलत मिली है जिन्होंने पार्टी के लिए रात-दिन एक किया है। सिद्धू मुगालतें पालना बंद कर दें। बाजवा ने कहा कि अवैध कॉलोनियों के रेगुलराइजेशन को लेकर बनाई गई कमेटी में शामिल सिद्धू की जरूरी राय मानी गई है। अब यह जरूरी नहीं कि सरकार के हर फैसले सिद्धू से पूछकर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि सिद्धू के यही बोल रहे तो एक दिन पार्टी और उनके लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी।

आप की आंदोलन की चेतावनी

सिद्धू के इस बयान पर कांग्रेसी खासकर सिद्धू विरोधी तो तिलमिलाए ही हैं तो दूसरी ओर अकाली व आप नेताओं ने भी सिद्धू को नसीहत देनी शुरू कर दी है। आम आदमी पार्टी के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि सिद्धू को स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने किसे कुत्ता कहा है। आए दिन सिद्धू के बोल बिगड़ते जा रहे हैं। उन्हें सवाल किया कि सिद्धू कोई ऐसा काम बताएं जो पिछले डेढ़ साल में उन्होंने पंजाब के लोगों के लिए किया हो। उन्हें सिर्फ गप्प हांकना व जुमलेबाजी करना आता है। खैहरा ने कहा कि यदि सिद्धू ने अपनी वाणी पर लगाम नहीं लगाया तो जल्द ही उनके खिलाफ आंदोलन शुरू कर किया जाएगा।

अकाली व भाजपा नेता भी सिद्धू पर बरसे

इसी तरह अकाली व भाजपा नेताओं ने भी सिद्धू को सोच समझकर बोलने की नसीहत दी है। भाजपा नेता तरुण चुघ व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्वेत मलिक ने कहा कि सिद्धू जुमलों के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन सरकार व सरकारी काम जुमलों से नहीं चलता। सिद्धू गलतफहमी की दुनिया में जी रहे हैं। वह 2019 के लोकसभा चुनाव व आगामी विधानसभा चुनावों में ही धरातल पर आ जाएंगे। पिछले डेढ़ साल के कांग्रेस शासन में प्रदेश के लोग समझ गए हैं कि उनकी मंशा क्या है। कांग्रेस ने एक भी वादा पूरा नहीं किया। प्रदेश से न तो नशा दूर हुआ और ना ही युवाओं को रोजगार मिला, स्मार्ट फोन तो सपना ही है।

यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब सिद्धू की किसी बात पर पंजाब में घमासान मचा हो। इससे पहले भी पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान सिद्धू अकाली नेताओं खासकर प्रकाश सिंह बादल व उनके परिवार के सदस्यों पर अपने अंदाज में हमले करते रहे हैं। कभी-कभी तो वे सभी मर्यादाओं लांघकर बादल व बिक्रम सिंह मजीठिया पर निशाना साधते रहे हैं। यदि सिद्धू की जुमलेबाजी ऐसे ही जारी रही तो व न सिर्फ विपक्ष बल्कि अपनी ही पार्टी के कई नेताओं के निशाने पर आ सकते हैं।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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