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Donald Trump: जगन्नाथ भगवान की कृपा से बची डोनाल्ड ट्रंप की जान, इस्कॉन का दावा, जानें क्या है कनेक्शन?
Donald Trump Attack: आज से ठीक 48 साल पहले ट्रंप जगन्नाथ रथयात्रा के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरे थे। ऐसे समय में जब आज दुनिया एक बार फिर जगन्नाथ रथयात्रा का जश्न मना रही है तो ट्रंप पर हुए हमले को लेकर कहा जा सकता है कि भगवान जगन्नाथ ने उनकी जान बचाई है।
Donald Trump Attack: अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति चुनाव होने है। इस चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की प्रबल जीत मानी जा रही है और वह लगातार चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। बीते रविवार को पेनसिल्वेनिया में चुनावी रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर हमला हुआ था। इस दौरान एक बंदूकधारी ने ट्रंप पर कई गोलियां चलाईं। गनमीत रही कि कोई गोली डोनाल्ड ट्रंप सीधे नहीं लगी बल्कि कान से छूकर निकल गई, जिससे वह केवल घायल हुए और हत्या के प्रयास से हुए हमले से वह बाल बाल बच गए। हमले में ट्रंप के सुरक्षित रहने पर इस्कॉन (Iskcon) ने एक बड़ा दावा किया है। उसका कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की जान दैवीय कृपा की वजह से बची है।
1976 में रथों के निर्माण मुफ्त में जगह उपलब्ध करवाई थी
आज से ठीक 48 साल पहले ट्रंप जगन्नाथ रथयात्रा के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरे थे। ऐसे समय में जब आज दुनिया एक बार फिर जगन्नाथ रथयात्रा का जश्न मना रही है तो ट्रंप पर हुए हमले को लेकर कहा जा सकता है कि भगवान जगन्नाथ ने उनकी जान बचाई है। बीते रविवार को इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया। राधारमण दास ने बताया कि ट्रंप ने 1976 में रथों के निर्माण के लिए मुफ्त में अपना ट्रेन यार्ड मुहैया कराकर इस्कॉन भक्तों की रथयात्रा आयोजित करने में मदद की थी। आज जब दुनिया नौ दिन के जगन्नाथ रथयात्रा का उत्सव मना रही है, ऐसे में उन पर यह भयानक हमला और उनका बाल-बाल बचना जगन्नाथ की कृपा को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि न्यूयॉर्क सिटी में पहली जगन्नाथ रथ यात्रा 1976 में 30 साल के उभरते हुए रियल एस्टेट मुगल ट्रंप की मदद से शुरू हुई थी।
ट्रंप उम्मीद की किरण बनकर उभरे थे
आज से लगभग 48 साल पहले जब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) न्यूयॉर्क में पहली रथ यात्रा आयोजित करने की योजना बना रहा था, तो सामने बहुत चुनौतियां थी। ऐसे में फिफ्थ एवेन्यू रोड पर रथयात्रा को मंजूरी देना किसी चमत्कार से कम नहीं था। ऐसी खाली जगह को ढूंढना, जहां रथों को तैयार किया जा सके, वो भी आसान नहीं था। ऐसे में हरसंभव मदद के लिए हर दरवाजा खटखटाया गया, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसे में ट्रंप कृष्ण भक्तों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरे थे। भक्तों की निराशा चरम पर थी, उनकी उम्मीदें लगभग टूट चुकी थी। कुछ दिन बाद उन्हें बताया गया कि ट्रंप ने पुराने रेलवे यार्ड की जमीन खरीद लिया है। भक्त प्रसाद के साथ ट्रंप के ऑफिस पहुंचे. ट्रंप के सेक्रेटरी ने वह प्रसाद लिया, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि जिस काम के लिए हम आए हैं, ट्रंप उससे सहमत नहीं होंगे।
आपका पत्र पढ़ा और तुरंत हां कर दिया
तीन दिन बाद ट्रंप के सेक्रेटरी ने भक्तों को बुलाकर कहा कि मुझे नहीं पता कि क्या हुआ लेकिन उन्होंने (ट्रंप) आपका पत्र पढ़ा और तुरंत हां कर दी। ट्रंप ने रथों के निर्माण के लिए ओपन रेल यार्ड का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी थी। इसी का फल है कि आज दैवीय कृपा की वजह से ट्रंप सुरक्षित हैं।
ट्रंप पर हुआ था हमला?
बता दे कि अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में रविवार को एक चुनावी सभा में डोनाल्ड ट्रंप के ऊपर जानलेवा हमला हुआ था। रैली में दूर इमारत से ट्रंप पर गोलियां चलाई गई थीं। इसमें एक गोली ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से को छूकर निकली। ट्रंप के कान से खून निकलने लगा। सीक्रेट सर्विस के गार्ड्स ट्रंप को वहां से सुरक्षित निकालकर ले गए और हमलावर को मौके पर मार गिराया।