Hindusthan Samachar: दूरदर्शन और आकाशवाणी अब हिंदुस्थान समाचार से लेंगे खबरें

Hindusthan Samachar: बताया गया है कि यह व्यवस्था केवल एक वार्षिक अनुबंध का नवीनीकरण है जो फरवरी 2020 से हिंदुस्थान समाचार के साथ प्रसार भारती का है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 28 Feb 2023 10:42 AM GMT
Doordarshan and All India Radio
X

Doordarshan and All India Radio (Social Media)

Hindusthan Samachar: सार्वजनिक प्रसारक "प्रसार भारती" ने दूरदर्शन और अखिल भारतीय रेडियो (आकाशवाणी) को समाचार सप्लाई करने के लिए हिंदुस्थान समाचार से दो साल का करार किया है। प्रसार भारती ने 2020 में प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) की अपनी सदस्यता रद्द कर दी थी।

बताया गया है कि यह व्यवस्था केवल एक वार्षिक अनुबंध का नवीनीकरण है जो फरवरी 2020 से हिंदुस्थान समाचार के साथ प्रसार भारती का है।

हिंदुस्थान समाचार क्या है?

हिंदुस्थान समाचार की स्थापना 1948 में शिवराम शंकर आप्टे उर्फ दादासाहेब आप्टे ने की थी। गुजरात के बड़ौदा में पैदा हुए एक पत्रकार आप्टे का आरएसएस के साथ आजीवन जुड़ाव था। वह 1964 में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के संस्थापक महासचिव बने।

सहकारी समिति

हिंदुस्थान समाचार को 1956 में एक सहकारी समिति के रूप में पंजीकृत किया गया था। 1975 में आपातकाल की घोषणा के तुरंत बाद, इंदिरा गांधी की सरकार ने उस समय की चार समाचार एजेंसियों - पीटीआई, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआई), हिंदुस्थान समाचार, और समाचार भारती - का विलय कर दिया था और "समाचार" नाम से एक समाचार एजेंसी बना दी थी।

जनता पार्टी सरकार ने पलटा फैसला

1977 के चुनावों के बाद सत्ता में आई जनता पार्टी सरकार ने इस फैसले को पलट दिया, लेकिन इंदिरा की सरकार ने 1983 में फिर से हिंदुस्थान समाचार को निशाना बनाया। मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुभाष यादव को इसका रिसीवर नियुक्त किया गया। एजेंसी ने सरकार के फैसले को चुनौती दी, और 1999 में दिल्ली उच्च न्यायालय में केस जीता। इसके बाद, आरएसएस के वरिष्ठ नेता श्रीकांत जोशी ने एजेंसी को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया और इसे फिर से शुरू किया।

2017 से समाचारों की सप्लाई

प्रसार भारती 2017 से परीक्षण के आधार पर हिंदुस्थान समाचार से फ़ीड ले रहा था, जबकि एक अनुबंध के लिए बातचीत जारी थी। फरवरी 2020 में प्रसार द्वारा एजेंसी के साथ अनुबंध करने के तुरंत बाद, 2020, 2021 और 2022 में दो-दो करोड़ रुपये के एक एक साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।

नए अनुबंध की शर्तें

रिपोर्ट्स के मुताबिक ने नया अनुबंध 12 भाषाओं में न्यूजफीड की आपूर्ति के लिए 14 फरवरी, 2023 से 31 मार्च, 2025 तक साढ़े 25 महीने के लिए है। अधिकारियों ने कहा कि एचएस हर दिन क्षेत्रीय भाषाओं में 12 राष्ट्रीय समाचारों और 40 लोकल खबरों की आपूर्ति करेगा। नए अनुबंध की अवधि के लिए एचएस को कुल 7.70 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा, यानी प्रति माह 30.17 लाख रुपये।

अब कौन चला रहा एजेंसी

एजेंसी की वेबसाइट के अनुसार, इसके 22 समाचार ब्यूरो और 600 संवाददाता देश भर में फैले हुए हैं। समूह संपादक राम बहादुर राय हैं, जिन्होंने कई वर्षों तक जनसत्ता के साथ काम किया, और अब केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के अध्यक्ष हैं। इसके संपादक जितेंद्र तिवारी हैं, जो पहले संघ परिवार द्वारा संचालित साप्ताहिक पाञ्चजन्य के साथ काम कर चुके हैं। सात सदस्यीय निदेशक मंडल के अध्यक्ष अरविंद मर्डीकर हैं।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

Next Story