Dress Code In Temple: महाराष्ट्र के 300 और मंदिरों में लागू होगा ड्रेस कोड, UP के मंदिरों में भी आपत्तिजनक कपड़ों पर बैन

Dress Code In Temple: महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने नागपुर के चार मंदिरों में ड्रेस कोड लागू कर दिया है। मंदिर महासंघ ने शहर के 25 और राज्य के 300 और मंदिरों में ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया है। इस बाबत अंतिम फैसला जल्द होगा।

Krishna Chaudhary
Published on: 27 May 2023 3:42 PM GMT (Updated on: 27 May 2023 3:59 PM GMT)
Dress Code In Temple: महाराष्ट्र के 300 और मंदिरों में लागू होगा ड्रेस कोड, UP के मंदिरों में भी आपत्तिजनक कपड़ों पर बैन
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महाराष्ट्र के 300 और मंदिरों में लागू होगा ड्रेस कोड: Photo- Social Media:

Dress Code In Temple: महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने नागपुर के चार मंदिरों में ड्रेस कोड लागू कर दिया है। महासंघ की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, गोपालकृष्ण मंदिर (धंतोली), संकटमोचन पंचमुखी हनुमान मंदिर (बेलोरी-सावनेर), बृहस्पति मंदिर (कानोलीबारा) और हिलटॉप दुर्गामाता मंदिर (मानवतानगर) में अब आपत्तिजनक ड्रेस में आने वाले श्रद्धालुओं को एंट्री नहीं मिलेगी। मंदिर महासंघ ने शहर के 25 और राज्य के 300 और मंदिरों में ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया है। इस बाबत अंतिम फैसला जल्द होगा।

महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के अधिकारी सुनील घनवट ने कहा कि मंदिर के बाहर पोस्टर भी लगाए गए हैं। जिसमें लिखा है कि कटी फटी जीन्स, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट और हाफ पैंट जैसे आपत्तिजनक कपड़े पहनकर न आएं। हमारा उद्देश्य मंदिरों की पवित्रता की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि पहले भी कई मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया जा चुका है। घनवट ने साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस से राज्य सरकार के नियंत्रण वाले मंदिरों में भी ये फैसला लागू करने की मांग की है।

एनसीपी ने किया फैसले का विरोध

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने महाराष्ट्र मंदिर महासंघ द्वारा नागपुर के चार मंदिरों में ड्रेस कोड लागू करने के फैसले का विरोध किया है। शरद पवार की पार्टी ने फौरन इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। इससे पहले भी उस्मानाबाद जिले के तुलजा भवानी मंदिर ने आपत्तिजनक कपड़ों पर रोक लगाने की कोशिश की गई थी। लेकिन फैसले के लागू होते ही हंगामा खड़ा हो गया। भारी दबाव में मंदिर प्रशासन ने कुछ घंटों में ही फैसला वापस ले लिया था।

स्कूलों में ड्रेस कोड तो मंदिरों में क्यों नहीं ?

महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने मंदिरों में ड्रेस कोड के विरोध को खारिज करते हुए कहा कि जब स्कूलों में ड्रेस कोड हो सकते हैं, तो मंदिरों में क्यों नहीं। महासंघ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू करना आवश्यक है। मंदिरों में असभ्य, अशोभनयी और अंग प्रदर्शन करने की अनुमति कतई नहीं दी जाएगी। बयान में आगे कहा गया कि फिलहाल नागपुर के चार मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है, निकट भविष्य में शहर के 25 और राज्य के 300 से अधिक मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू किया जाएगा।

यूपी के भी कई मंदिरों में लागू हो चुका है ड्रेस कोड

महाराष्ट्र की तरह उत्तर प्रदेश के भी कई प्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू हो चुका है। अलीगढ़ के प्रसिद्ध गिलहराजजी मंदिर के महंत ने 17 मई को फरमान जारी करते हुए मंदिर में आपत्तिजनक कपड़े पहनकर आने पर रोक लगा दिया था। मुजफ्फरनगर के बालाजी मंदिर और मथुरा के वृंदावन में भी श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड जारी किए गए थे। मंदिरों के बाहर लगे पोस्टरों में साफ-साफ कहा गया था कि कटे-फटे जींस और महिलाओं को छोटे कपड़े, जींस और स्कर्ट पहनकर आना प्रतिबंधित है।

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