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Dussehra 2022 Date: दशहरे का त्योहार इस दिन मनाया जाएगा धूमधाम से, ऐसे करें पूजा-अर्चना

Dussehra 2022 Date: हर साल दशहरा अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को काफी धूमधाम से मनाया जाता है।

Vidushi Mishra
Written By Vidushi Mishra
Published on: 12 Sep 2022 12:10 PM GMT
Dussehra 2022 Date: दशहरे का त्योहार इस दिन मनाया जाएगा धूमधाम से, ऐसे करें पूजा-अर्चना
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Dussehra 2022 Date: पूरे देश में बहुत ही धूमधाम से दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। नवरात्रि के बाद से हर तरफ मेले और रावण दहन की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। हिंदू धर्म में इस त्योहार की बहुत महत्ता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीराम ने 10 मुख वाले अहंकारी रावण का वध किया था। इसी लिए दशहरे का त्योहार सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। इसे विजयादशमी पर्व के नाम से जाना जाता है। इस दिन जगह-जगह रावण दहन होने के साथ रावण के भाई कुंभकरण और रावण के बेटे मेघनाथ का भी पुतला जलाया जाता है। वहीं कहीं-कहीं रामलीला का भी आयोजन होता है और मेले लगते हैं।

दशहरा कब हैं दशहरे का शुभ मुहूर्त (Dussehra 2022 Date and Time)

हर साल दशहरा अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को काफी धूमधाम से मनाया जाता है। बीते दो सालों से कोरोना महामारी की वजह से दशहरे की धूम फीकी थी, लेकिन इस बार पहले की तरह ही दशहरे का आयोजन किया जाएगा।

मुहुर्त के अनुसार, अश्विन शुक्‍ल की दशमी तिथि 4 अक्टूबर, मंगलवार की दोपहर 02:20 बजे से शुरू होगी, जोकि 5 अक्टूबर बुधवार की दोपहर 12:00 बजे खत्म होगी।

ऐसे में इस दौरान 5 अक्‍टूबर की दोपहर 02:07 से 02:54 बजे तक विजयादशमी की पूजा का मुहूर्त रहेगा। इसके बाद 5 अक्टूबर को सब जगह रात में रावण दहन किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि दशहरे के दिन लोग नई गाड़ी, सोना-चांदी और अपनी पसंद का सामान खरीदते हैं।

ऐसे में करें विजयदशमी की पूजा

दशहरे या विजयादशमी के दिन वैसे तो गेस्टेड छुट्टी होती है। ऐसे में दशहरे के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। साफ-सुथरे कपड़ें पहनना चाहिए। इसके बाद भगवान श्री राम, माता सीता और हनुमान जी की पूजा अर्चना करनी चाहिए।

साथ ही दशहरे के दिन गाय के गोबर से 10 गोले बनाए जाते हैं। गोबर से बने गोलों के ऊपर जौ के बीज लगाकर सजाया जाता है। इसके बाद भगवान को धूप और दीप दिखाकर पूजा करें और गोबर के गोलों को जला दें। ये गोबर के गोले अहंकार, लोभ, लालच का प्रतीक होते हैं जोकि इंसान के अंदर की सभी बुराईयों को जलाकर खत्म कर दी जाती है।


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