TRENDING TAGS :
कब और किसने किया ई-सिगरेट का अविष्कार, सरकार ने लगाया बैन
केंद्र सरकार ने कल यान बुधवार को ई-सिगरेट पर बैन लगा दिया है। केंद्रीय वित्त नंत्री निर्मला सीतारमण ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाये जाने और बनाने के ऊपर बैन लगाने की बात कही।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कल यान बुधवार को ई-सिगरेट पर बैन लगा दिया है। केंद्रीय वित्त नंत्री निर्मला सीतारमण ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाये जाने और बनाने के ऊपर बैन लगाने की बात कही। इसके अलावा जा भी इस नियम को तोड़ता है उसे सरकार कड़ी सजा देने पर भी विचार बना रही है। नियम तोड़ने वालों को सजा देने पर हेल्थ मिनीस्ट्री ने सुझाव पेश किए हैं। जिसके अनुसार जो भी इन नियमों का उल्लंघन करता है उसे 1 साल की जेल के साथ 1 लाख रुपये जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति एक से ज्यादा बार नियों का उल्लंघन करता है तो उसे 3 साल की सजा और 5 लाख रुपये जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
सरकार ने इस सिगरेट पर बैन क्यों लगाया है, ई-सिगरेट आखिर है क्या और कितनी जानलेवा है ई-सिगरेट, जानिए इस रिपोर्ट में-
क्या है ई-सिगरेट-
ई-सिगरेट का मतलब इलेक्ट्रॉनिक सिगेरट होता है, जो कि इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम का आम रुप है। ये सिगरेट बैटरी संचालित उपकरण होते हैं, ये शरीर में निकोटिन पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल करते हैं। ये साधारण सिगरेट से अलग होते हैं, इनमें तंबाकू के पत्तों को जलाया नहीं जाता। बल्कि इस सिगरेट के अंत में एक एलईडी बल्ब लगा होता है। जब कोई व्यक्ति कश लगाता है तो ये एलईडी बल्ब बैटरी की मदद से जलता है। ई-सिगरेट में उपस्थित निकोटीन लिक्विड के जलने से धुआं नहीं छोड़ता बल्कि निकोटीन लिक्विड एलईडी बल्ब की मदद से गर्म होकर भांप बनाता है न कि धुंआं। जब कोई इंसान इसका इस्तेमाल करता है तो भाप खींचता है धुंआ नहीं।
यह भी पढ़ें: वाराणसी: सैलाब का सितम, खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा, देखें तस्वीरें
कितना जानलेवा है ई-सिगरेट-
आजकल की जेनेरेशन में इसका प्रचलन खूब तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन आम सिगरेट की तरह ई-सिगरेट से भी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसके ज्यादा प्रयोग सेहत के लिए खतरनाक होता है और साथ ही शरीर को गंभीर बीमारी से भी जूझना पड़ सकता है। इससे ब्लड क्लॉट जैसी गंभीर बीमारी का भी सामना करना पड़ सकता है। ई-सिगरेट में निकोटीन की अधिक मात्रा होने से ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ सकता है। शोध के अनुसार, इसके अलावा डिप्रेशन और हार्ट अटैक की भी संभावनाएं बढ़ जाती है।
कब और किसने किया ई-सिगरेट का अविष्कार-
ई-सिगरेट का अविष्कार चीन ने किया था। साल 2003 में चीनी फॉर्मासिस्ट हॉन लिक ने ई-सिगरेट को पेटेंट करवाया था। इस सिगरेट में रिचार्जेबल लिथियम बैटरी, निकोटीन कार्टेज और वाष्पीकरण चैम्बर तीन भाग लगे रहते हैं। इसमें वाष्पीकरण चैम्बर में एक छोटी सी बैटरी लगी होती है जो एर्नजी मिलने से जलता है और निकोटिन को भाप में बदलता है।
यह भी पढ़ें: IIFA 2019: बेस्ट एक्टर रणवीर, बेस्ट एक्ट्रेस बनीं आलिया, देखें विनर्स की पूरी लिस्ट
सरकार ने कब दिया था आदेश-
सरकार का यह निर्णय 2018 की एक सलाह का पालन है, जिसमें केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को ई-सिगरेट पर बैन लगाने की बात पर विचार करने के लिए कहा गया था। बता दें कि इस घोषणा से पहले ही 15 राज्यों और 1 केन्द्र शासित प्रदेश में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया था। पंजाब, कर्नाटक, केरल, मिजोरम, जम्मू-कश्मीर, यूपी, बिहार, महीराष्ट्र, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, पुदुचेरी, राजस्थान, मेघालय, ओडिशा और नागालैंड ने पहले ही ई-सिगरेट पर बैन लगा दिया था।
इसलिए लगा ई-सिगरेट पर बैंन-
बता दें कि ई-सिगरेट को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 का उल्लंघन मानते हुए केन्द्र सरकार ने इस पर बैन लगाया है। इसके एक्ट के तहत एक खास तरह का निकोटीन ही स्मोकिंग के लिए स्वीकार्य है। लेकिन ई-सिगरेट में जो निकोटिन यूज़ होता है वो स्वीकार्य वाले निकोटिन की श्रेणी में नहीं है।
यह भी पढ़ें: सरकार का बड़ा लक्ष्य! 21 नए न्यूक्लियर रिएक्टर बिजली उत्पादन में लाएँगे क्रांति