भूकंप का खतरा: एक महीने में कई बार कांपी धरती, सतर्क हुए वैज्ञानिक

बीते शुक्रवार को गर्मी से राहत मिलने के साथ-साथ दिल्ली एनसीआर सहित देश के तमाम इलाकों में रात करीब 1 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 30 May 2020 8:40 AM GMT
भूकंप का खतरा: एक महीने में कई बार कांपी धरती, सतर्क हुए वैज्ञानिक
X

नई दिल्ली: बीते शुक्रवार को गर्मी से राहत मिलने के साथ-साथ दिल्ली एनसीआर सहित देश के तमाम इलाकों में रात करीब 1 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटकों को रिएक्टर स्केल पर तीव्रता 4.6 मापी गई है। वहीं भूकंप का केंद्र दिल्ली से 65 किमी दूर हरियाणा के रोहतक में जमीन के नीचे लगभग 3.3 किमी था। इसके बाद दूसरे भूकंप की तीव्रता 2.9 थी, जो जमीन के अंदर 5 किमी रहा।

ये भी पढ़ें... नया Lockdown-5.0: इन राज्यों में मंदिर-मस्जिद-स्कूल-सिनेमाघर पर मिलेगी छूट

अब लोगों का डर और ज्यादा बढ़ गया

आपको बता दें, कल भूकंप आने से एक दिन पहले यानी 28 मई को भी दिल्ली में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिेएक्टर स्केल पर 2.5 थी। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार, भूकंप के मामले में दिल्‍ली बेहद संवेदनशील है। लॉकडाउन के चलते दिल्‍ली-एनसीआर में 8 बार आ चुके हैं। ऐसे में अब लोगों का डर और ज्यादा बढ़ गया है।

देश में कोरोना वायरस महामारी पहले से ही बुरी तरह हावी है, बढ़ते संक्रमण के मामलों से लोगों की चिंता भी बढ़ती जा रही है। वहीं अब भूंकप के आए दिन आ रहे झटकों की वजह से लोगों को बड़े भूकंप का डर सताने लगा है।

भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक, बड़े भूकंप फॉल्‍ट लाइन के किनारे आते हैं। आपको बता दें कि टेक्‍टोनिक प्‍लेट्स के जुड़ने वाली जगह को फॉल्‍ट लाइन कहा जाता है। प्लेट्स जहां-जहां जुड़ी होती हैं, वहां-वहां टकराव ज्यादा होता है और उन्हीं इलाकों में भूकंप ज्यादा आता है।

ये भी पढ़ें...अब युद्ध होगा शुरू: चीन हमले के लिए है तैयार, दे दी इस देश को धमकी

भूकंप की आशंका वाले इलाकें

ऐसे में दिल्ली में यमुना तट के आस-पास के इलाके, पूर्वी दिल्ली, शाहदरा, मयूर विहार, लक्ष्मी नगर, गुड़गांव, रेवाड़ी और नोएडा के नजदीकी क्षेत्र भूकंप की आशंका वाले इलाकों में शामिल हैं।

इसके साथ ही बर्केले की भूकंप विज्ञान प्रयोगशाला के अध्‍ययनों की माने तो छोटे झटकों के बाद बड़े झटके के बारे में स्‍पष्‍ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। यदि ये फॉल्‍ट लाइन प्रेशर के कारण हैं तो कभी भी बड़ा झटका आ सकता है और सामान्‍य एडजस्‍टमेंट की स्थिति में लंबे समय तक ऐसी कोई घटना नहीं होगी।

इसी सिलसिले में अमेरिका के भू-विज्ञानी बर्गमैन के अनुसार, हो सकता है कि ये बड़े भूकंप से पहले आने वाले छोटे झटके हों। ऐसे ही झटके बड़े झटकों के बाद भी महसूस किए जाते हैं। फिलहाल वह कहते हैं कि इस बारे कोई भी अनुमान लगाना नामुमकिन है।

ये भी पढ़ें... कुत्ते को मिलेगा इंसाफ: फूट-फूट कर रोया मालिक, कार चालक पर दर्ज मुकदमा

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story