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Earthquake: अंडमान निकोबार द्वीप समूह में फिर आया भूकंप, हिल गए लोग

Earthquake: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी द्वारा रिक्टर स्केल पर 4.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जो 24 घंटे के भीतर क्षेत्र में दूसरा भूकंप था।

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Published on: 3 Sep 2022 3:28 AM GMT
earthquake in Lucknow Uttar Pradesh
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earthquake in Lucknow Uttar Pradesh (image social media)

Earthquake: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी द्वारा रिक्टर स्केल पर 4.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जो 24 घंटे के भीतर क्षेत्र में दूसरा भूकंप था। भूकंप पोर्टब्लेयर से 106 किमी पूर्व-उत्तर पूर्व में आज सुबह करीब 6.59 बजे आया। भूकंप की गहराई जमीन से 70 किमी नीचे थी। भूकम्प निगरानी एजेंसी के ट्वीट के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 4.4 थी जो कि सुबह 6 बजकर 59 मिनट 58 सेकंड पर आया। भूकम्प लंबा: 93.62 किलोमीटर लंबा और गहराई 70 किमी थी।

इसका क्षेत्र 106 किलोमीटर था, यह भारत में पोर्टब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीप में केंद्रित था। अधिकारियों के अनुसार अब तक किसी के हताहत होने या नुकसान या जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। हालांकि भूकंप के झटके से लोग हिल गए और घरों से बाहर निकल आए। लगातार दूसरे दिन भूकम्प का झटका आने से लोगों मे दहशत है। लोग भूकम्प के किसी बड़े झटके को लेकर आशंकित हैं। शुक्रवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एनएससी द्वारा रिक्टर पैमाने पर 4.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। भूकंप का केंद्र अंडमान और निकोबार द्वीप में डिगलीपुर के उत्तर-पूर्वोत्तर (एनएनई) में 108 किलोमीटर और लगभग 10 किलोमीटर की गहराई में था।

उधर यूरोपियन मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (ईएमएससी) ने शनिवार को बताया कि पापुआ न्यू गिनी में न्यू ब्रिटेन क्षेत्र में 6 तीव्रता का भूकंप आया। ईएमएससी ने कहा कि भूकंप 134 किमी (83.26 मील) की गहराई पर था। भूकम्प के विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा है। इससे पहले पापुआ न्यू गिनी के मदांग प्रांत में 29 अगस्त को लगभग 14:53 पीजीटी में 5.1 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप का केंद्र गोरोका से लगभग 35 किमी (22 मील) उत्तर में था। भूकंप लगभग 92 किमी (57 मील) की गहराई पर हुआ, जिसमें झटकों को महसूस किया गया। इस भूकंप के

परिणामस्वरूप क्षति या हताहत होने की कोई प्रारंभिक रिपोर्ट नहीं मिली है; महत्वपूर्ण नुकसान की संभावना नहीं है। आपको बता दें कि भूकम्प के बाद नुकसान की जांच के लिए अधिकारी भूकंप क्षेत्र में परिवहन को अस्थायी रूप से बंद कर सकते हैं। इस दौरान छोटी-मोटी रुकावटें आ सकती हैं, लेकिन अगर कोई नुकसान नहीं होता है तो सेवा जल्द ही फिर से शुरू कर दी जाती है।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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