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Earthquake Zone of India: सावधान! भारत में भूकंप के लिहाज से ये इलाके सबसे संवेदनशील क्षेत्र
Earthquake Zone of India: अकेले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस साल अब तक तीन बार भूकंप आ चुके हैं। इसके अलावा उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों मंद भी समय-समय पर भूकंप के झटके आते रहते हैं।
Earthquake Zone of India: तुर्कीये और सीरिया में सोमवार को आए भूकंप ने व्यापर पैमाने पर तबाही मचाई है। भूकंप के तीन दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक बचाव अभियान पूरा नहीं हो सका है। गुजरते वक्त के साथ मृतकों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 7 हजार से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। यह आंकड़ा बढ़कर 20 हजार आसपास पहुंच सकता है क्योंकि अभी मलबे से लोगों को निकालने का काम जारी है। हाल फिलहाल में भारत में भी भूकंप के कई झटके महसूस किए गए हैं।
अकेले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस साल अब तक तीन बार भूकंप आ चुके हैं। इसके अलावा उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों मंप भी समय-समय पर भूकंप के झटके आते रहते हैं। देश का 59 प्रतिशत इलाका ऐसा है जहां हल्के से लेकर बड़े भूकंप आने की संभावना बनी रहती है। भारत में भूकंप का खतरा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि भारतीय प्लेट हर साल 47 मिलीमीटर की रफ्तार से एशिया की तरफ बढ़ रही है। साल 2021 में लोकसभा में केंद्र सरकार ने देश के उन शहरों और इलाकों के नाम बताए थे, जहां भूकंप आने का सबसे अधिक खतरा है।
देश के सबसे संवेदनशील क्षेत्र
केंद्र सरकार के मुताबिक अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के सभी शहर भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र हैं। इसी तरह देश के अन्य राज्यों के शहर भी हैं, जो इस प्रकार हैं –
हिमाचल प्रदेश – कुल्लू, मंडी, धर्मशाला, हमीरपुर, चम्बा
जम्मू कश्मीर – श्रीनगर
उत्तराखंड - उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, रूदप्रयाग और बागेश्वर
पश्चिम बंगाल – कूच बिहार
बिहार – दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया और मोतीहारी
गुजरात – भुज
पूर्वोत्तर के राज्य – सभी उत्तर – पूर्वी राज्य
भूकंप जोनिंग मैप के तहत पूरे देश को चार भूकंपीय जोन में बांटा गया है। सिस्मिक जोन 5 में आने वाले इलाके देश के सबसे संवेदनशील इलाके हैं। जहां 9 तीव्रता का भूकंप आने का खतरा बना रहता है। तो आइए एक नजर सभी चार जोन पर डालते हैं।
सिस्मिक जोन 5 – इस जोन के अंतर्गत आने वाले इलाकों में 9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है। इसलिए यहां तबाही की सबसे अधिक गुंजाइश है। जोन-5 में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्से, गुजरात में कच्छ का रन, पूरा पूर्वोतर, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह शामिल है।
सिस्मिक जोन 4 – वैज्ञानिकों के मुताबिक, सिस्मिक जोन 4 में 8 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है। इस जोन में दिल्ली – एनसीआर, यूपी,बिहार और पश्चिम बंगाल का उत्तरी इलाका, पश्चिमी तट से सटा महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात का कुछ हिस्सा, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से शामिल हैं।
सिस्मिक जोन 3 – इस जोन में भूकंप का खतर मध्यम स्तर का है। इसमें केरल,कर्नाटक,तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गोवा, लक्षद्वीप समूह, गुजरात और पश्चिम बंगाल, पंजाब के हिस्से, राजस्थान, मध्य प्रदेश, यूपी के बाकी हिस्से, बिहार, झारखंड,छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र शामिल हैं।
सिस्मिक जोन 2 – जोन 2 भूकंप के लिहाज से सबसे कम एक्टिव क्षेत्र है। जोन 2 में देश के बाकी हिस्से शामिल हैं। यहां 4.9 तीव्रता से ज्यादा का भूकंप आने का संभावना नहीं है। इसलिए इस क्षेत्र में सबसे कम तबाही मचने की संभावना है।