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Earthquake Occur: भूकंप कुछ और नहीं बल्कि सिस्मिक वेव्स से उत्पन्न होने वाले झटके होते हैं

Earthquake Occur: दरअसल, पृथ्वी की ऊपरी सतह जिसे हम क्रस्ट के नाम से जानते हैं वह 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है। ऐसे दो प्लेट जब आपस में एक-दूसरे से टकराते हैं तो इससे सिस्मिक वेव्स की उत्पत्ति होती है और जब यह वेव्स आस पास के क्षेत्रों में फैलती है, तो उन क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किये जाते हैं।

Nirala Tripathi
Published on: 3 Oct 2023 9:16 PM IST
Earthquakes are nothing but tremors caused by seismic waves
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भूकंप कुछ और नहीं बल्कि सिस्मिक वेव्स से उत्पन्न होने वाले झटके होते हैं: Photo- Social Media

Earthquake Occur: दरअसल, पृथ्वी की ऊपरी सतह जिसे हम क्रस्ट के नाम से जानते हैं वह 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है। ऐसे दो प्लेट जब आपस में एक-दूसरे से टकराते हैं तो इससे सिस्मिक वेव्स की उत्पत्ति होती है और जब यह वेव्स आस पास के क्षेत्रों में फैलती है, तो उन क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किये जाते हैं।

भारत में उत्पन्न होने वाले भूकंप के मुख्य कारण प्रतिवर्ष भारतीय टेक्टोनिक प्लेट का लगभग 50 मिमी हिस्सा यूरेशियन प्लेट की तरफ खिसक रहा है जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाले भूकंप का मुख्य कारण है। इस खिसकाव की वजह से कॉमन टेक्टोनिक भूकंपों का जन्म होता है।

हाइपोसेंटर

पृथ्वी की सतह के नीचे का स्थान जहाँ भूकंप का केंद्र स्थित होता है, हाइपोसेंटर (Hypocenter) कहलाता है और पृथ्वी की सतह के ऊपर स्थित वह स्थान जहाँ भूकंपीय तरगें सबसे पहले पहुँचती है अधिकेंद्र (Epicenter) कहलाता है।

फाल्ट ज़ोन, विवर्तनिक भूकंप, ज्वालामुखी भूकंप, मानव प्रेरित भूकंप। भूकंप की घटनाओं को या तो कंपन की तीव्रता या तीव्रता के अनुसार मापा जाता है। परिमाण पैमाने को रिक्टर पैमाने के रूप में जाना जाता।


Photo- Social Media


भारत का भूकंप ज़ोनिंग मैप

भारत का भूकंप ज़ोनिंग मैप भारत को चार भूकंपीय जोनों (जोन 2, 3, 4, और 5) में विभाजित करता है। भारत के सबसे अधिक भूकंप की आशंका वाले जम्मू-कश्मीर, हिमालय, उत्तरपूर्वी क्षेत्र, कच्छ का रन, उत्तरी बिहार और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह हैं।

यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेस (MoES) के अनुसार, भारत में II, III, IV और V। चार भूकंपीय क्षेत्र (seismic zones) हैं। ज़ोन II सबसे कम खतरनाक है, जबकि ज़ोन V सबसे सक्रिय क्षेत्र माना जाता है। ये वे राज्य या क्षेत्र हैं जो भारत में विभिन्न भूकंप क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं:

ज़ोन II: आंध्र प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी हिस्से, पूर्वी गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक, दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश।

ज़ोन III: केरल, गोवा, लक्षद्वीप द्वीप समूह, दक्षिणपूर्वी यूपी, गुजरात के कुछ हिस्से, पंजाब, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्से, पश्चिमी राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से, उत्तरी झारखंड और छत्तीसगढ़।

ज़ोन IV: लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, दिल्ली, सिक्किम, उत्तरी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्से, गुजरात और पश्चिमी महाराष्ट्र और राजस्थान।

ज़ोन V: कश्मीर घाटी, पश्चिमी हिमाचल प्रदेश, पूर्वी उत्तराखंड, गुजरात में कच्छ, उत्तरी बिहार, पूर्वोत्तर राज्य और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

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