Economic Survey 2024: देश में बेरोजगारी का आलम, दो में से एक स्नातक नौकरी के काबिल नहीं

Economic Survey 2024: आर्थिक सर्वेक्षण 2024 के अनुसार देश में युवाओं की आधी आबादी नौकरी के लिए योग्य नहीं है। दो में से एक स्नातक बेरोजगार है।

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Published on: 23 July 2024 4:11 AM GMT
Economic Survey 2024
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Economic Survey 2024 (Pic: Social Media)

Economic Survey 2024: देश में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। तमाम राजनीतिक पार्टियां चुनाव के दौरान रोजगार देने का वादा करती हैं मगर वादे कभी पूरे नहीं हुए। देश की डिग्रीधारी नौजवान नौकरी की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर है। लाखों रूपए फीस और पढ़ाई करने के बाद भी उनके पास नौकरी नहीं है। भारत की आबादी का 65 प्रतिशत हिस्सा 35 वर्ष की आयु से कम का है। मगर इनमें से करीब आधे लोग आधुनिक अर्थव्यसव्था के लिए अयोग्य हैं। इनके पास नौकरी करने के लिए जरूरी स्किल नहीं है। इकोनॉमिक सर्वे 2024 के अनुसार करीब 51.25 प्रतिशत युवाओं के पास ही रोजगार पाने का कौशल है।

शिक्षित छात्रों को नहीं मिल पाती नौकरी

बेरोजगारों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। सर्वे के अनुसार केवल 51 प्रतिशत युवा ही ऐसे हैं जो नौकरी के काबिल हैं। बाकी सभी को अयोग्य करार दिया गया है। जबकि पिछले एक दशक में कौशल युक्त युवाओं का प्रतिशत 34 फीसदी से बढ़कर 51 फीसदी हो गया है। भारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारों की संख्या पढ़े-लिखे युवाओं की है. हाल ही में इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) की रिपोर्ट के अनुसार 2023 तक भारत में बेरोजगारों में 83 प्रतिशत युवा हैं। पिछले दो दशकों में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या दोगुनी हो गई है। साल 2000 में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या केवल 35.2 प्रतिशत थी जो 2022 में बढ़कर 65.7 प्रतिशत हो गई। तमाम चुनावी वादों के और सरकारी दावों के बाद भी युवाओं में रोजगार की संख्या कम नहीं हो रही है।

महिलाओं की बढ़ रही भागीदारी

इसके साथ ही रिपोर्ट में इस बात को भी दर्शाया गया है कि पिछले छह वर्षों में भारतीय श्रम बाजार संकेतकों में सुधार होने के कारण बेरोजगारी दर घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई है। इसके सआथ ही आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण में बताया गया है कि 15-29 साल के युवाओं की बेरोजगारी दर 2017-18 में 17.8 फीसदी से घटकर 2022-23 में 10 फीसदी हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। गावों में भी 2017-18 और 2022-23 के बीच 16.9 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। यह आंकड़ा बताता है कि ग्रामीण उत्पादन में महिलाओं का योगदान बढ़ रहा है।

चार साल में बढ़ी आठ करोड़ नौकरियां

सरकार बेरोजगारी को विपक्ष का 'फेक नैरेटिव' बताती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दावा किया था कि उनकी सरकार में चार साल में आठ करोड़ लोगों को रोजगार मिले हैं। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की रिपोर्ट भी यही बताती है। इसके अनुसार 2022-23 की तुलना में 2023-24 में ढाई गुना ज्यादा नौकरियां बढ़ीं हैं। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार पिछले चार साल में आठ करोड़ नौकरियां बढ़ी हैं। EPFO का आंकड़ा भी बताता है कि पांच साल में इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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