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West Bengal: राशन घोटाला मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, ममता सरकार में मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को किया गिरफ्तार
West Bengal: पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के बाद ईडी की पश्चिम बंगाल सरकार के किसी मंत्री के खिलाफ यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है।
tmc minister Jyotipriya Malik arrested (photo: social media )
West Bengal News: पश्चिम बंगाल राशन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार तड़के लंबी छापेमारी के बाद ममता बनर्जी सरकार में वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार कर लिया है। मलिक के आवास समेत सात ठिकानों पर ईडी ने गुरूवार सुबह आठ बजे छापा मारा था। ये कार्रवाई करीब 20 घंटे तक चली। इसके बाद आज सुबह तकरीबन चार बजे के आसपास मलिक को अरेस्ट कर लिया गया।
पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के बाद ईडी की पश्चिम बंगाल सरकार के किसी मंत्री के खिलाफ यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। गुरूवार को दिनभर छापेमारी को लेकर बंगाल की राजनीति में हलचल रही। सत्तारूढ़ तृणमुल कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के बीच जमकर शब्दबाण भी चले।
मलिक बोले, वह एक साजिश के शिकार
पश्चिम बंगाल सरकार में वन एवं सार्वजनिक उद्यम और औद्योगिक पुनर्निर्माण मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को सुबह जब ईडी गिरफ्तार कर ले जा रही थी, उनके आवास के बाहर मीडियाकर्मियों का भारी जमावड़ा था। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह एक साजिश के शिकार हैं।
मलिक पर क्या है आरोप ?
पश्चिम बंगाल में कोरोना लॉकडाउन के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली में खूब अनियमितताएं हुईं और राशन वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। इस गड़बड़ी के दौरान खाद्य विभाग का जिम्मा ज्योतिप्रिय मलिक के पास ही थी। आरोप है कि मलिक ने चावल मिल कारोबारी बकीबुर रहमान के साथ इस घपले को अंजाम दिया। रहमान की कंपनियों में टीएमसी मंत्री द्वारा 50 करोड़ से अधिक का निवेश किया था। खाद्य विभाग में भारी गड़बड़ी के चलते ही साल 2021 में जब टीएमसी राज्य में तीसरी बार सत्ता में आई तो सीएम ममता बनर्जी ने मलिक का डिमोशन करते हुए उनसे यह मलाईदार विभाग वापस ले लिया था और वन विभाग का जिम्मा सौंपा था।
बकीबुर रहमान के खुलासे ने बढ़ाई मुश्किलें
राशन वितरण घोटाले में चावल मिल कारोबारी बकीबुर रहमान की गिरफ्तारी को सबसे अहम माना जा रहा है। रहमान के ठिकानों पर पिछले हफ्ते ईडी ने छापा मारा था और घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज प्राप्त किए थे। इस छापेमारी के बाद रहमान को गिरफ्तार भी कर लिया गया था। तभी से अंदाजा लगाया जा रहा था कि जल्द प्रवर्तन निदेशालय पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के दरवाजे पर भी दस्तक देगी। ईडी ने रहमान के परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और करीबियों के नाम पर पंजीकृत 95 संपत्तियों का पता लगाया है, जिसकी कीमत 100 करोड़ के आसपास है। बकीबुर की जिन संपत्तियों के बारे में पता चला है, उनमें जमीन, फ्लैट, होटल, बार, रेस्तरां और चावल मिल शामिल हैं।
बंगाल की राजनीति गरमाई
बंगाल में सरकार चला रही टीएमसी के कई हाईप्रोफाइल नेता विभिन्न घोटालों में केंद्रीय जांच एजेंसी की रडार पर हैं। नगर पालिका भर्ती घोटाले में पिछले दिनों ही ईडी ने कोलकाता के मेयर और मंत्री फिरहाद हाकिम, मौजूदा खाद्य मंत्री रथिन घोष और पूर्व वित्त मंत्री मदन मित्रा के ठिकानों पर छापेमारी की थी। गुरूवार को अपने नेता के खिलाफ हुई कार्रवाई पर सीएम ममता बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, ज्योतिप्रिय मलिक बीमार हैं, उन्हें हाई शुगर हैं। अगर ईडी की छापेमारी के दौरान उन्हें कुछ होता है तो मैं बीजेपी और ईडी के खिलाफ केस दर्ज करारूंगी।
इस पर बंगाल बीजेपी चीफ और सांसद सुकांत मजूमदार ने पलटवार करते हुए कहा था कि मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक पर छापेमारी बहुत पहले हो जानी चाहिए थी। ऐसे लोगों को जेल में रखा जाना चाहिए।