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ED Action in Bengal: टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर फिर पड़ी रेड, ताला तोड़कर घर में घुसी ईडी

ED Action in Bengal: टीम बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों के साथ पहुंची है। शेख के घर से लेकर सड़क तक केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है।

Krishna Chaudhary
Published on: 24 Jan 2024 2:51 AM GMT (Updated on: 24 Jan 2024 3:11 AM GMT)
TMC leader Shahjahan Sheikh
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TMC leader Shahjahan Sheikh   (photo: social media )

ED Action in Bengal: पश्चिम बंगाल से बड़ी खबर सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय ने एकबार फिर सत्तारूढ़ तृणमुल कांग्रेस के दबंग नेता और एजेंसी के अधिकारियों पर हमले के बाद से फरार चल रहे शाहजहां शेख के घर पर छापा मारा है। बताया जा रहा है कि छापामारी करने पहुंची ईडी की टीम ताला तोड़कर घर के अंदर दाखिल हुई। इस बार टीम बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों के साथ पहुंची है। शेख के घर से लेकर सड़क तक केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है। ईडी की टीम के साथ करीब 100 जवान हैं, जिन्होंने घर को चारों तरफ से घेर रखा है।

उत्तर 24 परगना के संदेशखाली स्थित टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर पर छापा मारने की सूचना ईडी ने इस बार पहले ही लोकल पुलिस को दे दी थी। इसलिए आज सुबह एजेंसी की टीम के पहुंचते ही स्थानीय पुलिस भी आ धमकी। बताया जाता है कि इस दौरान पुलिस ने अधिकारियों से सर्च वारंट भी मांगा। पुलिस चाहती थी कि पूरे सर्च ऑपरेशन की वीडियोग्राफी उनके द्वारा की जाए, जिसे ईडी ने अस्वीकार कर दिया। हालांकि, एजेंसी ने बंगाल पुलिस को आश्वासन दिया कि कार्रवाई के दौरान उनके दो अफसर बतौर गवाह साथ रहेंगे।

5 जनवरी को ईडी की टीम पर हुआ था हमला

5 जनवरी को ईडी अधिकारियों की एक टीम 27 सीआरपीएफ जवानों के साथ उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में दबंग टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर रेड डालने पहुंची थी। शेख अपने घर से नदारद था और वहां ताला लटका हुआ था। टीम ने जैसे ही ताला तोड़ने की कोशिश की 800 से 1000 लोगों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में तीन अधिकारी जख्मी हो गए। उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और उनका सामान भी छीन लिया गया। स्थानीय पुलिस फोर्स ने जैसे-तैसे सभी को उपद्रवी भीड़ से बचाया।

इसी दिन एक और टीएमसी नेता बोनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या के ठिकाने पर भी ईडी ने रेड मारी थी। अगले दिन यानी 6 जनवरी को तड़के सिमुलटोला स्थित उनके आवास से जब अधिकारियों की टीम उन्हें गिरफ्तार कर ले जाने लगी तो एकबार फिर टीएमसी कार्यकर्ता बेकाबू हो गए। उन्होंने अधिकारियों के वाहन पर पथराव कर दिया। आद्या को ईडी के शिकंजे से छुड़ाने की कोशिश की। सीआरपीएफ जवानों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान पश्चिम बंगाल में राशन घोटाला हुआ था। जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल सामने आने के बाद इसमें प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हुई। बीते साल अक्टूबर में इस मामले में बड़ी कार्रवाई हुई पूर्व खाद्य मंत्री और ममता सरकार में मौजूदा वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। मलिक फिलहाल जेल में ही हैं। संदेशखाली टीएमसी ईकाई का अध्यक्ष शाहजहां शेख और बोनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या दोनों ज्योतिप्रिय मलिक के करीबी माने जाते हैं।

ईडी अधिकारियों पर हमले के बाद से शेख फरार चल रहा है, उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो चुका है। उत्तर 24 परगना जिले की सीमा बांग्लादेश से लगती है, इसलिए उसके उस तरफ भागने की भी अटकलें हैं। इस घटना को लेकर राज्य का सियासी तापमान चढ़ गया था। बीजेपी के साथ-साथ इंडिया अलांयस में टीएमसी की सहयोगी कांग्रेस ने भी बंगाल सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर दी थी।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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