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ED Raid: ईडी की तेलंगाना व आंध्र में MBS ग्रुप व मुसद्दीलाल ज्वेलर्स के ठिकानों पर छापेमारी
ED Raids: ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और फेमा मामलों में हैदराबाद सहित तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 20 स्थानों पर एमबीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज और मुसद्दीलाल ज्वैलर्स के छापे मारे।
ED Raids: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (foreign exchange management act) के मामलों में हैदराबाद सहित तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 20 स्थानों पर एमबीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज (MBS Group of Companies) और मुसद्दीलाल ज्वैलर्स (Musadilal Jewelers) के यहां छापे मारे। छापों के दौरान अधिकारियों ने काफी संख्या में कागजातों को कब्जे में लिया है। हालांकि ईडी की ओर से अभी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।
गुप्त सूचना के आधार पर अधिकारियों ने की छापेमारी
ईडी ने कहा कि एमबीएस समूह और उसके निदेशक सुकेश गुप्ता और सहयोगी कंपनियों ने अतिरिक्त पांच प्रतिशत कर का भुगतान किए बिना विदेशी मुद्रा की स्थिति बनाए रखने के लिए एमएमटीसी से क्रेडिट पर सोना प्राप्त किया था, जिससे निगम को नुकसान हुआ था। 2014 में, ईडी के अधिकारियों ने सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर मामले दर्ज किए और मामले की जांच की। जांच के दौरान ही एक गुप्त सूचना पर काम करते हुए अधिकारियों ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में विभिन्न स्थानों पर स्थित एमबीएस ज्वैलरी स्टोर्स, कार्यालयों और निर्माण इकाइयों पर छापेमारी की।
मुसद्दीलाल ज्वैलर्स पर की छापेमारी
इसी तरह, उन्होंने विमुद्रीकरण के दौरान भारी धनराशि को डायवर्ट करने के लिए हैदराबाद स्थित मुसद्दीलाल ज्वैलर्स पर छापेमारी की। तेलंगाना पुलिस ने मुसद्दीलाल ज्वैलर्स के खिलाफ 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को नकली बिक्री रिकॉर्ड दिखाकर बदलने के मामले में मामला दर्ज किया है। ईडी ने मुसद्दीलाल ज्वैलरी के खिलाफ मामले दर्ज किए और खाता बही और उनकी बिक्री रिपोर्ट जब्त की है।
दोनों ज्वैलर्स की तलाशी के दौरान पाईं कई अनियमितताएं
ईडी ने कथित तौर पर दोनों ज्वैलर्स की तलाशी के दौरान कई अनियमितताएं पाईं। पूर्व में दो प्रमुख ज्वैलर्स की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई थी। एजेंसी ने पाया था कि मुसद्दीलाल ज्वैलर्स ने नोटबंदी के समय 111 करोड़ रुपये पुराने नोट प्राप्त किए थे और ग्राहकों को नकली खरीद चालान जारी किए थे और बैंकों से नए नोटों का आदान-प्रदान किया था।
ईडी ने मुसद्दीलाल के एर्रामंजिल और सिकंदराबाद आउटलेट्स के साथ-साथ कंपनी के निदेशकों के आवासों पर भी छापेमारी की। उन्होंने कई दस्तावेज, खाता बही, सोने की खरीद चालान और बैंक गारंटी दस्तावेज जब्त किए। एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि मुसद्दीलाल ने इंडियन ओवरसीज बैंक और आईएनजी बैंक से कर्ज लिया और पैसे को कथित तौर पर अन्य उद्देश्यों के लिए डायवर्ट करने के बाद चुकाने में विफल रहे, जिसके लिए उन्हें दिया गया था। ईडी ने कथित तौर पर ज्वैलर्स की सहयोगी कंपनियों के बीच पैसे के लेन-देन से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेजों की भी पहचान की।
ईडी ने पिछले साल अपनी 363 करोड़ रुपये की संपत्ति की थी कुर्क
इससे पहले एमबीएस के खिलाफ खरीदार क्रेडिट योजना के तहत खरीद में अनियमितता और एमएमटीसी लिमिटेड से सोने की खरीद में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। एजेंसी को कथित तौर पर ₹ 504 करोड़ की अनियमितताएं मिलीं। ईडी ने पिछले साल अपनी 363 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी को फिर से वही अपराध करने के लिए एमबीएस ज्वैलरी के खिलाफ कई शिकायतें मिलीं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि एमबीएस ने सोना खरीदने के खिलाफ फर्जी चालान जारी किए और पैसे को दूसरे प्लेटफॉर्म पर भेज दिया।