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Uttarakhand ED Raid: अब इस दिग्गज कांग्रेसी के पीछे पड़ी ईडी, उत्तराखंड से दिल्ली तक चल रही छापेमारी

Uttarakhand ED Raid: ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता के उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ स्थित 16 ठिकानों पर छापेमारी चल रही है।

Krishna Chaudhary
Published on: 7 Feb 2024 3:50 AM GMT (Updated on: 7 Feb 2024 4:13 AM GMT)
ED Raid (Photo:Social Media)
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ED Raid (Photo:Social Media) 

ED Raid. आज सुबह-सुबह प्रवर्तन निदेशालय की कई टीमों ने उत्तराखंड के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के कई ठिकानों पर एक साथ रेड मारी है। ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता के उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ स्थित 16 ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। यह कार्रवाई दो अलग-अलग मामलों में हुई है। पहला मामला वन विभाग की जमीन से जुड़ा हुआ है, जबकि दूसरा किसी अन्य जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व वन मंत्री रावत के देहरादून के डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर रेड चल रही है। उनके घर के अंदर होने की जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है। एजेंसी ने उनके कुछ करीबियों से जुड़े ठिकानों पर भी छापा मारा है। इससे पहले वन भूमि घोटाला मामले में कांग्रेस नेता के विरूद्ध अगस्त 2023 में विजिलेंस विभाग ने कार्रवाई की थी। बताया जाता है कि विजिलेंस के एफआईआर के आधार पर ही ईडी पीएमएलए के तहत ये कार्रवाई कर रही है।

कौन हैं हरक सिंह रावत ?

हरक सिंह रावत की गिनती उत्तराखंड के दिग्गज नेताओं में होती है। उनकी सियासी पहचान यह भी है कि वह हवा को भांपकर पाला बदलने में माहिर हैं। 80 के दशक में चुनावी राजनीति में कदम रखने वाले रावत अब तक पांच बार दल बदल चुके हैं। बीजेपी से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाले हरक सिंह पहली बार 1991 में अविभाजित उत्तर प्रदेश की पौड़ी सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे। उन्हें कल्याण सिंह सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया था। 1993 में एकबार फिर वह जीतकर विधानसभा पहुंचे।

1998 में टिकट कटने पर उन्होंने पहली बार पाल बदलते हुए बसपा का दामन थाम लिया। कुछ समय वहां बीताने के बाद वह कांग्रेस में चले गए। 2002 में कांग्रेस के टिकट पर लैंडसन से जीतकर विधायक बने। तत्तकालीन एनडी तिवारी सरकार में उन्हें पद भी मिला। 2007 में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया। 2012 में रूदप्रयाग से चुनाव जीतकर एकबार फिर विधानसभा पहुंचे। 2014 में केंद्र में सरकार बदलने के बाद उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार पर भी संकट के बादल मंडराने लगे।

2016 में बदले सियासी घटनाक्रम का फायदा उठाते हुए हरक सिंह रावत ने तत्कालीन हरीश रावत सरकार को बड़ा झटका देते हुए 9 अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर कोटद्वार से चुनकर विधानसभा पहुंचे और भाजपा सरकार में मंत्री भी बने। हालांकि, 2022 आते-आते यहां भी उनका मोहभंग हो गया। बीजेपी ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया। जिसके बाद रावत अपनी बहू अनुकृति गुसाईं के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए।

Krishna Chaudhary

Krishna Chaudhary

Content Writer

Krishna Chaudhary having four year experience of working in different positions during his Journalism. Having Expertise to create content in Politics, Crime, National and International Affiars.

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