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Election Commission: अब वोटिंग के लिए नहीं करना पड़ेगा सफर, जहां रहें वहीं से डालें वोट...जानें कैसे?
Election Commission: चुनाव आयोग के अनुसार, आधुनिक तकनीक के समय में महज प्रवासी होना वोटिंग न कर पाने का आधार नहीं हो सकता। इसलिए आयोग ने विकल्प तलाश किया है।
Election Commission: चुनाव आयोग (Election Commission) प्रवासी मतदाताओं के वोटिंग के लिए क्रांतिकारी कदम उठाने जा रही है। इलेक्शन कमीशन रोजी-रोजगार, शिक्षा सहित अन्य वजहों से अपने शहर को छोड़कर देश के अन्य राज्यों में रहने वाले लोगों के लिए रिमोट वोटिंग मशीन (RVM) की सुविधा उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। आने वाले दिनों इसका फायदा देखने को मिलेगा। RVM की मदद से कहीं किसी शहर से कोई भी शख्स अपने कार्यक्षेत्र से ही वोटिंग कर पाएगा। ऐसे में प्रवासी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने वापस गृह नगर जाने का झंझट नहीं रहेगा।
चुनाव आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) को डिवेलप किया है। इस वोटिंग मशीन से उन लोगों को फायदा मिलेगा जो अपने शहर से दूर अन्य नगर में निवास करते हैं। अपने गृह नगर से दूर रहने के कारण ऐसे लोग मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाते हैं। आयोग के इस पहल के बाद अब हर शख्स कहीं भी रहकर मतदान कर सकता है।
आयोग राजनीतिक दलों से लेगा राय
जानकारी के अनुसार, एक रिमोट पोलिंग बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों का मतदान कराया जा सकता है। चुनाव आयोग (Election Commission) ने प्रोटोटाइप RVM के प्रदर्शन के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है। साथ ही आयोग कानूनी (legal), प्रक्रियात्मक प्रशासनिक तथा तकनीकी चुनौतियों पर विभिन्न राजनीतिक दलों से उनकी राय लेगा। चुनाव आयोग की मानें तो आधुनिक युग में जहां तकनीक जीवन हो आसान बना रहा है, ऐसे समय में महज प्रवासी होने की वजह से कोई नागरिक मतदान के अधिकार से वंचित क्यों रहे?
चुनाव आयोग ने कहा है कि उसने 16 जनवरी 2023 को सभी मान्यता प्राप्त 8 राष्ट्रीय और 57 राज्य राजनीतिक दलों को बहु-निर्वाचन प्रोटोटाइप रिमोट EVM के कामकाज को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया है। इस दौरान उनके साथ कानूनी, परिचालन, प्रशासनिक और तकनीकी चुनौतियों पर एक अवधारणा नोट साझा किया जाएगा। आयोग संबंधित मुद्दों पर 31 जनवरी तक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लिखित विचार मांगे हैं।
करोड़ों मतदाता रह जाते हैं मताधिकार से वंचित
चुनाव आयोग के अनुसार, 2019 लोकसभा चुनाव में 67.4 फीसदी वोटिंग हुई थी। दरअसल, इलेक्शन कमीशन 30 करोड़ से अधिक मतदाताओं द्वारा मताधिकार का प्रयोग नहीं करने और कई राज्यों में मतदान का प्रतिशत अलग-अलग होने को लेकर सजग है। माना जाता है कि एक मतदाता अपने निवास स्थान में रजिस्ट्रेशन न कराने की वजह से अपने मतदान के अधिकार से वंचित रह जाता है। 5 साल में उसके पास आने वाला ये विशेष अवसर होता है जिसे वो गंवा देता है। रिमोट वोटिंग मशीन के जरिए उस समस्या का निदान संभव है।
वोटिंग प्रक्रिया में सुधार के लिए EC का नया प्रयोग
दरअसल, चुनाव आयोग मतदाता उपस्थिति में सुधार लाने और चुनाव में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में ये कदम उठा रहा है। आयोग प्रवासी मतदाताओं को उनके मतदान के अधिकार दिलाने के लिए ये नया प्रयोग करने जा रहा है। आयोग का मानना है कि, इससे समाधान निकलेगा। साथ ही, कार्यक्षेत्र से ही प्रवासी अपना मतदान कर पाएंगे। देश के भीतर प्रवासन के लिए कोई केंद्रीय डेटाबेस (Central Database) उपलब्ध नहीं है। बावजूद, पब्लिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर ये पता चलता है कि रोजगार, विवाह और शिक्षा सहित अन्य पहलुओं से संबंधित प्रवासन (Migration) किया जाता है। अगर, हम घरेलू पलायन (Migration) पर नजर डालें तो ग्रामीण आबादी की संख्या अधिक है। गांवों से बड़े पैमाने पर लोग अन्य शहरों का रुख कर लेते हैं। आंतरिक प्रवासन का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा राज्यों के भीतर होता है।