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Election Commission : जो प्रत्याशी ईवीएम की जांच कराना चाहें, उनके लिए गाइडलाइंस जारी

Election Commission : चुनाव आयोग द्वारा 16 जुलाई को जारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, दूसरे और तीसरे नंबर पर आने वाले उम्मीदवारों को चुनने के लिए कई रैंडम टेस्ट दिए गए हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि बर्न मेमोरी की जांच और सत्यापन प्रक्रिया से आगे जाकर फर्मवेयर में किसी भी पूर्वाग्रह या छिपी हुई कार्यक्षमता की संभावना या आशंका को समाप्त कर दिया गया है।

Neel Mani Lal
Published on: 16 July 2024 5:44 PM IST
Maharashtra News:
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महाराष्ट्र में ईवीएम पर घमासान,विपक्षी दलों ने उठाए सवाल,चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा (social media)

Election Commission : लोकसभा और विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद असंतुष्ट उम्मीदवारों को ईवीएम की जांच कराने के लिए चुनाव आयोग ने कई विकल्प दिए हैं। इन विकल्पों में विधानसभा क्षेत्र के किसी भी मतदान केंद्र से मशीन चुनना और मॉक पोल और मॉक वीवीपैट स्लिप-काउंट का विकल्प चुनना शामिल है। याद दिला दें कि ईवीएम में छेड़छाड़ की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्याशियों को विकल्प देने का आदेश दिया हुआ है।

चुनाव आयोग द्वारा 16 जुलाई को जारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, दूसरे और तीसरे नंबर पर आने वाले उम्मीदवारों को चुनने के लिए कई रैंडम टेस्ट दिए गए हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि बर्न मेमोरी की जांच और सत्यापन प्रक्रिया से आगे जाकर फर्मवेयर में किसी भी पूर्वाग्रह या छिपी हुई कार्यक्षमता की संभावना या आशंका को समाप्त कर दिया गया है। चुनाव आयोग को 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद ईवीएम में लगे माइक्रो-कंट्रोलर चिप्स में छेड़छाड़ या संशोधन के सत्यापन के लिए भाजपा और कांग्रेस सहित असंतुष्ट उम्मीदवारों से आठ आवेदन प्राप्त हुए हैं।

बैलेट प्रणाली की मांग को किया था खारिज

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में हेरफेर के संदेह को "निराधार" बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल को पुरानी पेपर बैलेट प्रणाली पर वापस लौटने की मांग को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने उसी समय चुनाव परिणामों में दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले असंतुष्ट असफल उम्मीदवारों के लिए एक अवसर खोल दिया था और उन्हें चुनाव पैनल को फीस का भुगतान करके लिखित अनुरोध पर प्रति विधानसभा क्षेत्र में पांच प्रतिशत ईवीएम में लगे माइक्रो-कंट्रोलर चिप्स के सत्यापन की मांग करने की अनुमति दी थी।

चुनाव आयोग ने कहा कि पात्र उम्मीदवार विधानसभा क्षेत्र या निर्वाचन क्षेत्र के भीतर से मतदान केंद्रों या मशीनों की क्रम संख्या का विकल्प दे सकते हैं, बशर्ते कि उस क्षेत्र या सीट में इस्तेमाल की गई अधिकतम पांच प्रतिशत ईवीएम की जांच और सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना पड़े।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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