TRENDING TAGS :
आधार और वोटर आईडी को जोड़ने का रास्ता साफ, चुनाव आयोग ने दी मंजूरी
अब वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने का रास्ता साफ हो गया है। चुनाव आयोग ने इसे संविधान और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मंजूरी दे दी है, जिससे फर्जी वोटिंग पर रोक लगेगी और चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी।
अब वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा (फोटो: सोशल मीडिया)
भारत में आधार कार्ड और वोटर आईडी (EPIC) को जोड़ने का रास्ता अब साफ हो गया है। मंगलवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में देश के निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में अहम फैसला लिया और इन दोनों दस्तावेजों को आपस में जोड़ने की अनुमति दे दी है। इस कदम से चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की उम्मीद जताई जा रही है।
चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के तहत लिया गया है। आयोग ने बताया कि अब आधार कार्ड और ईपीआईसी को जोड़ने की प्रक्रिया संविधान और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के अनुरूप की जाएगी। इस बैठक में निर्वाचन आयोग के विभिन्न सदस्य और विशेषज्ञ शामिल हुए, जिनमें सीईसी ज्ञानेश कुमार, डॉ. सुखबीर सिंह संधू, डॉ. विवेक जोशी, और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भी थी।
आधार से जुड़ने से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी
आधार और वोटर आईडी को जोड़ने का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाना और वोटर लिस्ट को साफ करना है। चुनाव आयोग का मानना है कि इस कदम से फर्जी वोटरों की पहचान करना आसान होगा, जिससे चुनाव में धांधली की संभावना कम हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, आधार कार्ड के जरिए नागरिकता की पहचान स्थापित करने से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल भारतीय नागरिक ही वोट देने के योग्य हैं।
फर्जी वोटिंग पर लगेगी रोक
इस फैसले के पीछे एक प्रमुख कारण यह है कि इससे फर्जी वोटिंग को नियंत्रित किया जा सकेगा। कई बार यह देखा गया है कि एक व्यक्ति के नाम से अलग-अलग जगहों पर वोट डाले जाते हैं, जिससे चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी होती है। अब, जब आधार और वोटर आईडी जुड़े होंगे, तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक व्यक्ति केवल एक बार ही वोट डाले, जिससे फर्जी वोटिंग पर कड़ी रोक लगेगी।
डुप्लिकेट वोटर आईडी का समाधान
चुनाव आयोग ने पहले ही घोषणा की थी कि अगले तीन महीने के भीतर वे डुप्लिकेट वोटर आईडी को नया EPIC नंबर जारी करेंगे। हालांकि, आयोग ने स्पष्ट किया कि डुप्लिकेट वोटर आईडी का मतलब यह नहीं है कि वे फर्जी हैं, बल्कि यह एक तकनीकी गलती हो सकती है। इसके बावजूद, आधार और वोटर आईडी के जुड़ने से इन गड़बड़ियों को सुलझाने में मदद मिलेगी और चुनावी प्रक्रिया में सुधार होगा।
अब, UIDAI और ECI के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द ही इस संबंध में तकनीकी परामर्श शुरू होगा। इसके बाद, आधार को EPIC से जोड़ने की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। यह कदम न केवल चुनाव आयोग के लिए, बल्कि देश के नागरिकों के लिए भी एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है, क्योंकि इससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास और पारदर्शिता बढ़ेगी।