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चुनाव आयोग ने कहा- 400 पार्टियों ने कभी नहीं लड़ा चुनाव, कालाधन सफेद करने के लिए बनी होंगी
नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के अनुसार भारतीय निर्वाचन आयोग में 1,900 से ज्यादा राजनीतिक दल नामांकित हैं। लेकिन इनमें से 400 से अधिक दल आज तक चुनाव नहीं लड़े। जैदी ने आशंका जताई है कि ये दल कालेधन को सफेद करने के लिए बनाए गए हैं।
हालांकि चुनाव आयोग ने ऐसे दलों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जैदी ने कहा, 'इन दलों का नाम रद्द किए जाने के बाद उन्हें राजनीतिक दल के तौर पर मिलने वाले दान या आर्थिक मदद पर आयकर से मिलने वाली छूट बंद हो जाएगी।'
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ये एक लंबी प्रक्रिया है
इस मुद्दे पर जब नसीम जैदी से पूछा गया कि अभी तक इन राजनीतिक दलों का नामांकन रद्द क्यों नहीं किया गया है? तो इस पर उनका जवाब था 'ये एक लंबी प्रक्रिया है।' जैदी बोले, 'आखिरकार हम ये करेंगे। चुनाव आयोग ने फौरी कार्रवाई के बाद ये अनियमितता पकड़ ली है।'
कभी चुनाव नहीं लड़ने वाली पार्टियों का मांगा ब्यौरा
चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयोगों से ऐसी सभी पंजीकृत चुनावी पार्टियों का ब्यौरा मांगा है जिन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा है। चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयोग से कभी चुनाव न लड़ने वाली पार्टियों को मिले चंदे का भी ब्यौरा मांगा है। जैदी के अनुसार चुनाव आयोग अब हर साल सभी पंजीकृत राजनीतिक दलों की जांच की जाएगी और किसी तरह की अनियमितता पाए जाने पर उन पर कार्रवाई की जाएगी।
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कुल आय का 69.3 प्रतिशत 'अज्ञात स्रोत' से आ रहा
पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा करते हुए इसे कालेधन पर बड़ी कार्रवाई बताया था। हालांकि एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के साल 2013-14 के आंकड़ों के अनुसार देश की छह राष्ट्रीय पार्टियों की कुल आय का 69.3 प्रतिशत 'अज्ञात स्रोत' से आया था। एडीआर के आंकड़ों के अनुसार साल 2013-14 में छह राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के पास कुल 1518.50 करोड़ रुपए थे। राजनीतिक दलों में सबसे अधिक पैसा बीजेपी (44 फीसदी) के पास था। वहीं कांग्रेस (39.4 प्रतिशत), सीपीआई(एम) (8 प्रतिशत), बीएसपी (4.4 फीसदी) और सीपीआई (0.2 फीसदी) का स्थान था।
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