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EVM के मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को दिया झटका, जीत पर जश्न और हार पर हमले को बताया गलत
Omar Abdullah : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता व उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम के मुद्दे पर अपने सहयोगी दल कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है।
Omar Abdullah : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता व उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम के मुद्दे पर अपने सहयोगी दल कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में मिली हार पर कांग्रेस की ओर से ईवीएम को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं मगर उमर अब्दुल्ला ने इन सवालों को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर कांग्रेस की ओर से जताई जा रही आपत्ति में कोई दम नहीं है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता कि जब आपको चुनाव में जीत हासिल हो तो आप उसे स्वीकार कर लें और हार जाने पर ईवीएम पर हमला करना शुरू कर दें।
हार पर ईवीएम को दोषी नहीं ठहरा सकते
जम्मू-कश्मीर के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच गठबंधन था और इस गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी मगर ईवीएम के मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस की आपत्तियों से किनारा कर लिया है। उन्होंने कहा कि जब लोकसभा चुनाव के दौरान इसी ईवीएम के जरिए आपको ताकत मिलती है तो आप जीत का जश्न मनाते हैं। बाद में जब चुनाव परिणाम आपके अनुकूल नहीं आ रहे हैं तो आप ईवीएम को दोषी नहीं ठहरा सकते।
जब चुनाव परिणाम आपके पक्ष में नहीं है तो आप यह नहीं कर सकते कि हमें ईवीएम पसंद नहीं है। उन्होंने कहा कि इसी कारण ईवीएम को लेकर कांग्रेस की ओर से की जा रही आपत्तियों को लेकर वे सहमत नहीं है। कांग्रेस के इस कदम को उचित नहीं माना जा सकता।
भरोसा न हो तो चुनाव से दूरी बनाएं
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर राजनीतिक दलों को मतदान तंत्र पर भरोसा नहीं है तो उन्हें चुनाव लड़ने से परहेज करना चाहिए। चुनावी हार के बाद इस तरह की आपत्तियों का कोई मतलब नहीं है। यदि ईवीएम को लेकर आपको दिक्कत है तो ईवीएम के प्रति आपका रुख हमेशा एक समान रहना चाहिए। जीतने पर जश्न मनाना और हारने पर रोना रोना,इसे जायज कैसे माना जा सकता है।
मोदी सरकार के इस कदम का समर्थन
उन्होंने कहा कि विभिन्न मुद्दों को लेकर सोचने का उनका अपना नजरिया है। वे गठबंधन के सहयोगी के प्रति निष्ठा के बजाय सिद्धांतों के आधार पर अपनी राय जाहिर करते हैं। उन्होंने कहा कि इसी कारण मैंने केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा जैसी परियोजनाओं का समर्थन किया है। उन्होंने इसे अपनी स्वतंत्र सोच का उदाहरण बताया। अब्दुल्ला ने कहा कि अन्य विपक्षी दलों की धारणा के विपरीत मेरा मानना है कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत दिल्ली में जो कुछ किया जा रहा है, वह बहुत अच्छी चीज है।
उन्होंने कहा कि संसद के नए भवन को बनाने का फैसला एक बेहतरीन विचार था और इसलिए मैं इसका समर्थन करता हूं। पुराना संसद भवन अपनी उपयोगिता खो चुका था। यही कारण है कि मेरा मानना है कि नए संसद भवन को बनाना उचित फैसला था।
कांग्रेस के प्रति अब्दुल्ला की नाराजगी झलकी
अब्दुल्ला की टिप्पणियों से साफ हो गया है कि जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच दूरियां काफी बढ़ चुकी हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र में मिली बड़ी चुनावी हार के बाद कांग्रेस की ओर से ईवीएम को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं मगर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के सभी सवालों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उनके इस बयान से कांग्रेस के प्रति उनकी नाराजगी भी झलकती है।
जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों दलों ने गठबंधन किया था। चुनावी नतीजे में नेशनल कांफ्रेंस को 42 सीटों पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस सिर्फ 6 सीटों पर जीत सकी थी। चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद नेशनल कांफ्रेंस के कई पदाधिकारियों का कहना था कि कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव के दौरान पूरा जोर नहीं लगाया गया।