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नतीजों से पहले कांग्रेस-जेडीएस में खिंची तलवारें
बेंगलुरु: चुनावी नतीजों के ऐलान से पहले ही कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) के बीच तलवारें खिंच गई हैं। सीएम की कुर्सी को लेकर शुरू हुई जुबानी जंग अब काफी तेज हो गई है और दोनों दलों के बीच मतभेद गहरा गए हैं। जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष ए एच विश्वनाथ और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक-दूसरे पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर कांग्रेस में लगातार उठ रही मांगों के कारण शुरू हुई जुबानी जंग से कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन में धीरे-धीरे दरार पैदा होने लगी है।
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सिद्धारमैया को सीएम बनाने की मांग से जेडीएस नाराज
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग से जेडीएस नेतृत्व नाराज है। जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष ए एच विश्वनाथ ने ऐसी मांगों को चमचागीरी करार दिया। उन्होंने तो एक प्रशासक के तौर पर सिद्धारमैया की काबिलियत पर सवाल उठाए। विश्वनाथ ने सवाल किया कि सिद्धारमैया के शासन में ऐसी क्या खास बात है? क्या वह देवराज अर्स से भी बड़े प्रशासक हैं? लोग 30 साल बाद भी आज देवराज अर्स को याद करते हैं। सिद्धारमैया के शासनकाल में ऐसा क्या महान हो गया कि उन्हें दशकों तक याद किया जाए? विश्वनाथ ने कहा कि उनके कार्यकाल में कौन से बड़े विकास कार्य हुए? उन्होंने विकास का कोई ऐसा काम नहीं किया जिसे याद किया जाए। उन्हें सीएम बनाने की मांग चमचागीरी के अलावा कुछ नहीं है।
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समन्वय समिति की बैठक में उठेगा मुद्दा
सिद्धारमैया विश्वनाथ के इस बयान से काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि मैं विश्वनाथ के ईष्र्या भरे इस बयान को समन्वय समिति की बैठक में उठाऊंगा। पहले उच्च शिक्षा मंत्री जी टी देवगौड़ा ने गलत बयानबाजी की और अब विश्वनाथ ने। सिद्धारमैया ने ट्वीट किया कि पता नहीं अगला कौन होगा जो इस तरह की बयानबाजी करेगा। बेहतर होगा कि जेडीएस के वरिष्ठ नेता इस पर गौर करें। गठबंधन धर्म मुझे विश्वनाथ की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों के खिलाफ खुलकर बोलने से रोक रहा है। विश्वनाथ शरारत भरे बयानों के लिए कुख्यात हैं। सिद्धारमैया ने ईश्वर से उन्हें सदबुद्धि देने की कामना की।
सिद्धारमैया पर जेडीएस ने उठाए सवाल
सिद्धारमैया के ट्वीट पर विश्वनाथ ने जवाबी हमला किया। उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस-जेडीएस समन्वय समिति के अध्यक्ष के तौर पर सिद्धारमैया ने किया क्या है? विश्वनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गठबंधन धर्म के लिए समन्वय समिति बनाई गई है। समन्वय समिति में चर्चा करें। आप उसके अध्यक्ष हैं, आपको समन्वय समिति में यह कहने से किसने रोका है कि आप मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। विश्वनाथ ने कहा कि समन्वय समिति पिछले एक साल में साझा न्यूनतम कार्यक्रम तक तय नहीं कर पाई।
जेडीएस नेता ने कहा कि समन्वय समिति को सरकार के दोनों गठबंधन साझेदारों जेडीएस और कांग्रेस के बीच समन्वय करना है। आप तैयार ही नहीं हैं, आप मुझ पर गैर जिम्मेदार होने के आरोप लगा रहे हैं। जेडीएस नेता ने कहा कि सिद्धारमैया एक साल से समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं, लेकिन अब तक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार नहीं किया जा सका है। यह तय ही नहीं है कि सरकार को किस दिशा में आगे बढऩा चाहिए, सरकार के कार्यक्रम क्या होने चाहिए और दोनों पार्टियों को किस सिद्धांत पर कदम बढ़ाना चाहिए। विश्वनाथ ने कहा कि यदि सिद्धारमैया के फिर से मुख्यमंत्री बनने की कोई संभावना है तो वह 2022 में ही है, उससे पहले नहीं।
कांग्रेस ने जेडीएस नेता को घेरा
कांग्रेस और जेडीएस के बीच चल रही जुबानी जंग यहीं नहीं थमी। कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री सीएम जी परमेश्वर ने भी विवादित बयानों के लिए विश्वनाथ को घेरा। उन्होंने कहा कि मुझे दोनों नेताओं के बीच निजी मतभेदों के बारे में पता नहीं है, लेकिन जब दोनों पार्टियों ने मिलकर सरकार चलाने का फैसला किया है तो विश्वनाथ को समन्वय समिति के अध्यक्ष के बारे में ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए। भविष्य में ऐसी बातें गठबंधन के लिए हितकारी नहीं हैं। हमें भी ऐसा नहीं बोलना चाहिए। गठबंधन धर्म का पालन करने पर सरकार को सही तरीके से चलाया जा सकता है।
कांग्रेस और जेडीएस नेताओं की जुबानी जंग के बीच भाजपा स्थितियों पर नजर रखे हुए है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा का कहना है कि विश्वनाथ का बयान जेडीएस नेतृत्व की राय को दर्शाता है। सच्चाई यह है कि यह विश्वनाथ नहीं बोल रहे हैं बल्कि उनके जरिये सीएम कुमारस्वामी बोल रहे हैं क्योंकि वे सीएम की कुर्सी नहीं छोडऩा चाहते।