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Electoral Bond Case: बेंच ने कहा कि स्टेट बैंक चयनात्मक नहीं हो सकता है और उसे अपने पास मौजूद समस्त चुनावी बांड विवरणों का खुलासा करना होगा, जिसमें यूनीक बांड नंबर भी शामिल हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 18 March 2024 12:24 PM IST (Updated on: 18 March 2024 12:49 PM IST)
Electoral Bond Case
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Electoral Bond Case (सोशल मीडिया) 

Electoral Bond Case: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक को 21 मार्च तक चुनावी बांड से संबंधित सभी विवरणों का पूरा खुलासा करने का निर्देश दिया है। इस जानकारी में यूनीक बांड कोड नम्बर भी शामिल है, जो खरीदार और प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल के बीच संबंध का खुलासा करेगा।

सब कुछ बताना जरूरी

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि इसमें "कोई संदेह नहीं है" कि स्टेट बैंक को बांड के पूरे विवरण का खुलासा करना आवश्यक है। शीर्ष अदालत ने स्टेट बैंक के चेयरमैन को 21 मार्च की शाम 5 बजे तक एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें लिख कर देना होगा कि बैंक ने सभी विवरणों का खुलासा किया है।

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, बी आर गवई, जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि स्टेट बैंक चयनात्मक नहीं हो सकता है और उसे अपने पास मौजूद समस्त चुनावी बांड विवरणों का खुलासा करना होगा, जिसमें यूनीक बांड नंबर भी शामिल हैं। इससे खरीदार और प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल के बीच संबंध का खुलासा होगा।

अब तक क्यों नहीं बताया

पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने चुनावी बांड मामले में अपने फैसले में बैंक से बांड के सभी विवरण का खुलासा करने को कहा था और बैंक को इस पहलू पर अगले आदेश की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा, "हमने स्टेट बैंक से सभी विवरणों का खुलासा करने के लिए कहा था जिसमें चुनावी बांड संख्या भी शामिल है। एसबीआई को खुलासा करने में चयनात्मक नहीं होना चाहिए।"

चुनाव आयोग को निर्देश

न्यायालय ने आगे निर्देश दिया कि भारतीय चुनाव आयोग को स्टेट बैंक से प्राप्त विवरण प्राप्त होने पर तुरंत अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना चाहिए।

जानकारी देंगे

चीफ जस्टिस की टिप्पणी पर स्टेट बैंक के वकील हरीश साल्वे ने कहा - अगर नंबर देने होंगे तो हम देंगे। यह कोई समस्या नहीं है। उन्होंने यह कहकर बैंक का बचाव किया कि खुलासे की वर्तमान स्थिति अप्रैल 2019 में अदालत के अंतरिम निर्देश की समझ के आधार पर है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने दोहराया, “जब हम 'सभी विवरण' कहते हैं, तो इसमें सभी बोधगम्य डेटा शामिल होते हैं। यह अंतरिम आदेश हमारे अंतिम निर्णय के साथ विलय हो गया है। हम इसे स्पष्ट करेंगे और कहेंगे कि भारतीय स्टेट बैंक न केवल बांड नंबर दाखिल करेगा बल्कि उससे यह भी कहेंगे कि वह एक हलफनामा जमा करे जिसमें कहा गया हो कि उसने कोई विवरण नहीं छिपाया है। जिम्मेदारी अदालत पर नहीं होनी चाहिए।”

उद्योग संगठन भी सामने आए

अदालत में बहस के दौरान, फिक्की और एसोचैम का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने बांड नंबरों के प्रकटीकरण को स्थगित करने की मांग की। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने जवाब दिया, हमारे पास बोर्ड पर ऐसा कोई आवेदन नहीं है।

जब मुकुल रोहतगी ने उद्योगपतियों की ओर से अपने आवेदन पर जोर देने की मांग करते हुये सवाल उठाया कि जब गुमनामी की गारंटी थी तो जानकारी का खुलासा करने के लिए कैसे कहा जा सकता है, तब मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने जवाब दिया - केवल एक ही जवाब है। हमने 12 अप्रैल 2019 से विवरण एकत्र करने का निर्देश दिया। उस समय सभी को नोटिस दिया गया था। यही कारण है कि हमने इस अंतरिम आदेश से पहले बेचे गए बांड का खुलासा करने के लिए नहीं कहा। यह इस संविधान द्वारा एक सचेत विकल्प था।

सोशल मीडिया की चिंता

अदालत को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी संबोधित किया। उन्होंने अदालत के फैसले पर सोशल मीडिया टिप्पणी से उत्पन्न चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आंकड़ों के दुरुपयोग और गलत सूचना की संभावना के बारे में चिंता व्यक्त की।

इस पर मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने आश्वस्त किया कि अदालत सोशल मीडिया कमेंटरी को संभालने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “एक संस्था के रूप में, हमारे कंधे सोशल मीडिया कमेंटरी से निपटने के लिए काफी चौड़े हैं। हमारा इरादा प्रकटीकरण था। हम कानून के शासन द्वारा शासित हैं।



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Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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