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‘कैलाशा’ नहीं अब इस नाव से गंगा का दर्शन करेंगे मोदी-माक्रों
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में लगातार बदलाव जारी है। छह घंटे के व्यस्त दौरे के दौरान सबकी नजरें फ्रांसिसी मेहमान के नौका विहार पर टिकी है। मोदी अपने खास दोस्त को गंगा की छटा और घाटों की सुंदरता से वाकिफ कराना चाहते हैं। इस बीच सुरक्षा कारणों से इस कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। इस खास लम्हे के लिए
आशुतोष सिंह
वाराणसी: फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में लगातार बदलाव जारी है। छह घंटे के व्यस्त दौरे के दौरान सबकी नजरें फ्रांसिसी मेहमान के नौका विहार पर टिकी है। मोदी अपने खास दोस्त को गंगा की छटा और घाटों की सुंदरता से वाकिफ कराना चाहते हैं। इस बीच सुरक्षा कारणों से इस कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। इस खास लम्हे के लिए जिस बजड़े का चयन किया गया था अब उसे बदल दिया गया है। मोदी और मैक्रों अब कैलाशा से नहीं बल्कि सर्वे लांस शिप से गंगा का दर्शन कराएंगे।
‘कैलाशा’ नहीं अब इस नाव से गंगा का दर्शन करेंगे मोदी-माक्रों
सुरक्षा का दिया गया हवाला
दरअसल सर्विलांस शिप से नौका विहार कराने का मकसद सुरक्षा को माना जा रहा है। इसके अंदर एक बेड रुम और बैठने की व्यवस्था है। अंतर्देशीय भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण ने इसके लिए दो प्वांइट पर सर्विलांस शिप की व्यवस्था कर दी है। इसमें एक शिप अस्सी घाट जबकि दूसरी खिड़किया घाट पर खड़ी कर दी गई है।दोनों की टेस्टिंग भी कर ली गई है। इसके अलावा यहां एक बजड़ा और भी मंगाया गया है जो पीएम और फ्रांसिसी राष्ट्रपति के साथ चल रहे विशिष्ट लोगों के लिए रहेगा।
गंगा किनारे होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
नौका विहार के दौरान गंगा तट पर अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। मोदी और मैक्रों लगभग 40 मिनट तक गंगा तट का दर्शन करेंगे। इस दौरान वो गंगा में अस्सी घाट से दशाश्वमेध घाट तक काशी की संस्कृति धरोहरकी छटा को निहारेंगे। इसके लिए संकृति विभाग ने मुकम्मल इंतज़ाम किये हैं। इस नौका विहार के लिए पहले सतुआ बाबा के द्वारा मोरारी बापू की कथा मनास मसान के लिए उपलब्ध कराई गयी डबल डेकर लग्ज़री बोट ‘ कैलाशा’ का चयन कियागया था। अब कैलाशा की जगह प्रधानमंत्री फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ सर्विलांस बोट से गंगा विहार करेंगे। फ्रांस के सुरक्षा दल ने भी कैलाशा का निरीक्षण किया था। इसके बाद इसे बदलने का फैसला लिया गया।