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Amritsar Encounter: अमृतसर मंदिर पर ग्रेनेड फेंकने वाले का हुआ एनकाउंटर, मुख्य आरोपी की मौत
Amritsar Encounter: अमृतसर के ठाकुरद्वारा मंदिर पर हुए ग्रेनेड हमले के मुख्य आरोपी का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया है।
Amritsar Encounter: अमृतसर के ठाकुरद्वारा मंदिर पर हुए ग्रेनेड हमले के मुख्य आरोपी का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया है। पंजाब पुलिस के सूत्रों के अनुसार, आरोपी गुरसिदक को शनिवार सुबह मुठभेड़ में मार गिराया गया, जबकि एक अन्य आरोपी घायल हो गया। इस हमले के बाद से ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
पंजाब पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपी अमृतसर के राजासांसी इलाके में छिपे हुए हैं। इसके बाद पुलिस की विशेष टीम, जिसमें क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी और छेहरटा थाना प्रभारी शामिल थे, इलाके में पहुंची। जैसे ही पुलिस ने आरोपियों की मोटरसाइकिल रोकने की कोशिश की, उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें गुरसिदक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। इस मुठभेड़ के दौरान एक गोली कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह के हाथ में लगी, जबकि इंस्पेक्टर अमोलक सिंह की पगड़ी पर भी गोली लगी। एक गोली पुलिस वाहन को भी लगी। पुलिस की कार्रवाई के दौरान मुख्य आरोपी तो मारा गया, लेकिन उसका साथी विशाल मौके से फरार होने में सफल रहा।
क्या था पूरा मामला
यह हमला शुक्रवार देर रात 12:35 बजे हुआ था, जब दो अज्ञात व्यक्ति मोटरसाइकिल पर सवार होकर ठाकुरद्वारा मंदिर पहुंचे। उनमें से एक ने मंदिर की ओर ग्रेनेड फेंका और मौके से फरार हो गए। धमाके की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। गनीमत रही कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, क्योंकि मंदिर के पुजारी और अन्य लोग सुरक्षित बच गए।
तीन आरोपी गिरफ्तार, ISI से जुड़े तार की जांच जारी
पुलिस ने इस मामले में बिहार से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे। जांच में सामने आया कि ये लोग मुख्य आरोपियों को हथियार और ग्रेनेड सप्लाई करते थे। पुलिस अब इस पूरे मामले की कड़ी से कड़ी जोड़कर यह पता लगाने में जुटी है कि हमले के पीछे किसी अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन का हाथ तो नहीं है। पुलिस के अनुसार, इस घटना के पीछे पाकिस्तान और आईएसआई से जुड़े होने की भी आशंका जताई जा रही है। इस एंगल से भी जांच की जा रही है कि कहीं इस हमले के पीछे किसी बड़े आतंकी साजिश की योजना तो नहीं थी।