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चर्चा में प्रवर्तन निदेशालय की कार्यवाई, जानें क्या है ED, कैसे करती है किसी भी घटना की जांच

What is ED: ED का गठन 1 मई 1956 को भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराध से लड़ने के लिए तत्कालीन भारत सरकार द्वारा किया गया था।

Rajat Verma
Written By Rajat Verma
Published on: 13 Jun 2022 1:51 PM IST
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ED का गठन 1 मई 1956 को भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराध से लड़ने के लिए तत्कालीन भारत सरकार द्वारा किया गया था।ED ki कार्रवाई के बारे में जानें 

What is ED: प्रवर्तन निदेशालय एक केंद्रीय जांच एजेंसी है जो कि केंद्र सरकार के अधीन अपने कार्यों को अंजाम देती है। इन कार्यों में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जांच कर कार्यवाई सुनिश्चित की जाती है। ED का गठन 1 मई 1956 को भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराध से लड़ने के लिए तत्कालीन भारत सरकार द्वारा किया गया था। वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के नियंत्रण में कार्य करती है।

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इन मामलों की करी जाती है जांच

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हवाला लेनदेन, विदेशों में संपत्ति की खरीद, बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा का लेनदेन, विदेशी मुद्रा उल्लंघन आदि जैसे संदिग्ध उल्लंघनों की जांच ईडी द्वारा की जाती है। साथ ही ईडी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत मामलों से संबंधित जानकारियां एकत्र करता है तथा ईडी के पास FEMA के तहत उल्लंघन के दोषियों की संपत्ति कुर्क करने की शक्ति है।

इसके अलावा विशेष रूप से मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की जांच का जिम्मा भी प्रवर्तन निदेशालय के पास है।

प्रवर्तन निदेशालय निम्न तीन अधिनियम के तहत आने वाले मममलों की जांच करती है-

1. मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA)

PMLA अधिनियम 2002 में भारत में मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए बनाया गया एक आपराधिक कानून है। इन मामलों के तहत प्रवर्तन निदेशालय को अपराध की आय से प्राप्त संपत्ति का पता लगाने, संपत्ति को अस्थायी रूप से संलग्न करने और अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने जैसी कई जिम्मेदारियां और शक्तियां प्रदान की गई हैं।

2. विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA)

यह एक नागरिक कानून है जो बाहरी व्यापार और भुगतान की सुविधा से संबंधित कानूनों को संशोधित करने और विदेशी मुद्रा के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए इस कानून का निर्माण किया गया था। इस प्रावधान के तहत ईडी के पास कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाई करने और जुर्माना लगाने की शक्तियां मौजूद हैं।

3. भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (FEOA)

यह कानून आर्थिक अपराध करने वाले व्यक्तियों को भारतीय अदालतों के अधिकार क्षेत्र से बाहर रहकर भारतीय कानून की प्रक्रिया से बचने से रोकने के लिए बनाया गया था। इस प्रावधान के तहत यदि कोई दोषी भाग जाता है तो सरकार या ईडी के पास उसकी संपत्ति को जब्त करने की पूरी शक्तियां मौजूद हैं।

भारत में इन जगहों पर स्थित है प्रवर्तन निदेशालय (ED) का कार्यालय-

दिल्ली, चेन्नई, चंडीगढ़, कोलकाता, मुम्बई, लखनऊ, कोचिन, बेंगलुरु, हैदराबाद और अहमदाबाद।वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय की कार्यवाई पूरे भारत में बेहद ही चर्चा का विषय बनी हुई है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा वर्तमान में कई हाई प्रोफाइल केस पर जांच की जा रही है, जिसमें नेशनल हेराल्ड से जुड़े मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की पूछताछ, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ जांच, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ अंडरवर्ल्ड से रिश्ते और हवाला की जांच, जैसे कई अन्य मामले भी शामिल हैं।



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Ragini Sinha

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