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मिली राहत : जीएसटी के तहत मनोरंजन सेवाओं पर कर का बोझ कम

Rishi
Published on: 23 May 2017 4:16 PM IST
मिली राहत : जीएसटी के तहत मनोरंजन सेवाओं पर कर का बोझ कम
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नई दिल्ली : इनपुट और इनपुट सेवाओं से जुड़े भुगतान किए गए जीएसटी का पूर्ण इनपुट टैक्‍स क्रेडिट (आईटीसी) के लिए सेवा प्रदाता पात्र होंगे।पंचायत या नगरपालिका द्वारा लगाए गए मनोरंजन करों को छोड़कर वस्‍तु और सेवा (जीएसटी) कर के तहत मनोरंजन (संविधान की राज्य सूची की 62 प्रविष्टि द्वारा कवर किए गए) पर लगने वाले विभिन्‍न करों को सम्मिलित किया गया है।

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सिनेमा घरों में मनोरंजन करने या फिल्मों के छायांकन देखने के लिए सेवाओं पर जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित जीएसटी की दर 28 प्रतिशत है। हालांकि, वर्तमान में कुछ राज्यों द्वारा लगाए गए थियेटर/सिनेमा हॉल में सिनेमाटोग्राफ़ी फिल्मों के प्रदर्शन के संबंध में मनोरंजन कर की दर शत प्रतिशत तक है।

कई राज्यों में केबल टीवी और डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) पर मनोरंजन कर की दर 10 -30 प्रतिशत तक है। इसके अलावा 15 प्रतिशत की दर से सेवा कर भी लगाया जाता है। इसके विपरीत इन सेवाओं पर जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित जीएसटी की दर 18 प्रतिशत है।

जीएसटी परिषद द्वारा सर्कस, थियेटर, लोक नृत्य और नाटक सहित भारतीय शास्त्रीय नृत्य देखने के लिए 18 प्रतिशत यथा मूल्‍य शुल्‍क है। इसके अलावा, जीएसटी परिषद ने 250 रुपये प्रति व्यक्ति तक के प्रवेश पर छूट देने को मंजूरी दे दी है। इन सेवाओं पर वर्तमान में राज्यों द्वारा मनोरंजन कर लगाया जाता है।

इस प्रकार जीएसटी के तहत मनोरंजन सेवाओं पर कम कर लगेगा। जीएसटी की कम दरों के शीर्षक का लाभ लेने के अतिरिक्त सेवा प्रदाता इनपुट और इनपुट सेवाओं से जुड़े जीएसटी के पूर्ण इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के लिए पात्र होंगे। वर्तमान में ऐसे सेवा प्रदाता घरेलू पूंजीगत वस्तुओं पर भुगतान किए गए वैट और आयातित पूंजीगत सामान तथा इनपुट पर इनपुट या विशेष अतिरिक्त शुल्‍क (एसएडी) के संबंध में इनपुट क्रेडिट का लाभ लेने के पात्र नहीं हैं। इस प्रकार जबकि जीएसटी एक मूल्य संवर्धित कर है वहीं मनोरंजन कर वर्तमान में राज्यों द्वारा लगाए गए कुल बिक्री कर की तरह है।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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