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Exit Poll Results : मोदी और योगी के नारों ने कर दिया खेला! महाराष्ट्र, झारखंड और यूपी में दिख सकता है बड़ा असर
Exit Poll Results : महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चावन के साथ ही उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव का काम पूरा हो चुका है।
Exit Poll Results : महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चावन के साथ ही उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव का काम पूरा हो चुका है। बुधवार को वोटिंग का काम पूरा होने के बाद आए अधिकांश एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति की फिर सत्ता में वापसी का पूर्वानुमान लगाया गया है। झारखंड में इंडिया और एनडीए गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है जबकि उत्तर प्रदेश में भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए बढ़त की स्थिति में दिख रहा है। हालांकि यह भी सच्चाई है कि यह एग्जिट पोल के नतीजे हैं और असली नतीजे का पता तो 23 नवंबर को ही लगेगा।
महाराष्ट्र, झारखंड के विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया गया था जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा बुलंद किया था। इन नारों के जरिए भाजपा की ओर से ध्रुवीकरण की कोशिश की गई थी और एग्जिट पोल के नतीजे से लगता है कि भाजपा अपनी इस मुहिम में कामयाब रही है।
महाराष्ट्र में महायुति को बढ़त की संभावना
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में बुधवार को मतदान कराया गया था। महाराष्ट्र में महायुति (बीजेपी, शिवसेना के शिंदे गुट और एनसीपी के अजित पवार गुट) और महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस, एनसीपी के शरद पवार गुट और शिवसेना के उद्धव गुट) में कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।
यह विधानसभा चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस बार भाजपा और कांग्रेस के साथ ही एनसीपी और शिवसेना के दोनों गुटों की भी अग्निपरीक्षा होने वाली है। महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे के बारे में लगाए गए पूर्वानुमानों का औसत (Poll of Exit Poll) निकाला जाए तो राज्य में महायुति को बढ़त मिलती दिख रही है।
क्या कहता है एग्जिट पोल का इशारा
महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए किसी भी गठबंधन को 145 सीटों पर जीत हासिल करना जरूरी है। महाराष्ट्र के कई एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ महायुति को 145 से अधिक सीटें मिलने का पूर्वानुमान लगाया गया है। इन पूर्वानुमानों का औसत देखें तो एनडीए को 153, महाविकास अघाड़ी (MVA) को 126 और अन्य को 9 सीटें मिल सकती हैं।
दूसरी ओर झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं। झारखंड में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच इस बार काफी कड़ा मुकाबला हुआ है। कुछ पूर्वानुमान में एनडीए को आगे दिखाया गया है तो कुछ पूर्वानुमान के मुताबिक इंडिया गठबंधन बाजी मारता हुआ दिख रहा है।
झारखंड के सर्वेक्षणों के औसत को देखें तो 39 सीटों पर एनडीए और 38 सीटों पर इंडिया गठबंधन जीत रहा है। चार सीटें अन्य के खाते में जा रही हैं। उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को छह और समाजवादी पार्टी को तीन सीटें मिल सकती हैं। वैसे कुछ पूर्वानुमानों में एनडीए को सात सीटें मिलने की बात भी कही गई है।
योगी और मोदी के नारे का बड़ा असर
अब यदि एग्जिट पोल में लगाए गए पूर्वानुमान वास्तविक नतीजे में बदले तो इसका मतलब साफ होगा कि बीजेपी चुनाव के दौरान ध्रुवीकरण की मुहिम में कामयाब साबित हुई है। इस बार के विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ काफी चर्चाओं में रहा। उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव में भी इस नारे की खूब गूंज सुनाई पड़ी।
हालांकि महाराष्ट्र में अजित पवार और पंकजा मुंडे जैसे महायुति के वरिष्ठ नेता योगी के इस बयान से कन्नी काटते हुए नजर आए।
उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश में तो यह बयान चल सकता है मगर महाराष्ट्र के संदर्भ में इस नारे की कोई प्रासंगिकता नहीं है। इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस नारे का मतलब बताते हुए इसे महाराष्ट्र के लिए भी उपयोगी बताया।
योगी आदित्यनाथ के इस नारे के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिया गया नारा ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ भी काफी चर्चाओं में रहा। सियासी जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी की ओर से दिए गए इन नारों ने इस चुनाव में काफी असर दिखाया है और इस बात की पुष्टि 23 नवंबर को होने वाली मतगणना के दौरान हो जाएगी।
हरियाणा की जीत के बाद एनडीए को मिलेगी और ताकत
यदि अतीत को देखा जाए तो एग्जिट पोल के नतीजे कई बार गलत भी साबित हुए हैं मगर यदि इस बार अधिकांश एग्जिट पोल में लगाए गए पूर्वानुमान सही साबित हुए तो हरियाणा की जीत के बाद एनडीए को एक बार फिर बड़ी ताकत मिल जाएगी। दूसरी ओर इंडिया गठबंधन को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना होगा। झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव और विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनाव के बाद अब जल्द ही दिल्ली में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं।
दिल्ली के चुनाव पर भी पड़ेगा बड़ा असर
दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना नहीं दिख रही है। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भी दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हो सका था। चुनाव से पहले ही दोनों दालों के नेताओं के रुख से इस बात के संकेत मिलने लगे हैं। दूसरी ओर दिल्ली के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर जीत हासिल करने के बाद भाजपा काफी उत्साहित दिख रही है।
यदि महाराष्ट्र, झारखंड के विधानसभा चुनाव और विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनावों के नतीजे एनडीए के अनुकूल रहे तो दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी इसका असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।