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विशेषज्ञों ने जल संरक्षण पर प्रतिबद्धता को लेकर गोवा सरकार की सराहना की
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की वर्षा जल संचय को लेकर प्रतिबद्धता की विशेषज्ञों ने सराहना की है और कहा है कि सरकार को भूजल के स्तर को फिर से ठीक करने के लिए एक समग्र योजना का खाका तैयार करना चाहिए।
पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की वर्षा जल संचय को लेकर प्रतिबद्धता की विशेषज्ञों ने सराहना की है और कहा है कि सरकार को भूजल के स्तर को फिर से ठीक करने के लिए एक समग्र योजना का खाका तैयार करना चाहिए।
नयी दिल्ली में शनिवार को हुई नीति आयोग की बैठक में सावंत ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में जल संकट से निपटने के लिए वर्ष जल संचय सुनिश्चित करने संबंधी कदम उठाएगी।
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पर्यावरणविद् राजेंद्र केरकर ने कहा कि सभी औद्योगिक इकाइयों के लिए वर्षा जल संचय आवश्यक बना देना चाहिए जिससे कि वे इसका इस्तेमाल खुद की जरूरतों के लिए कर सकें और सरकार पर निर्भर न रहें।
गोवा के संरक्षणविद् ने ऐसे समय वर्षा जल संचय पर जोर देने के लिए सावंत की तारीफ की जब कर्नाटक के महादयी नदी से पानी के रुख को मोड़ने की स्थिति में गोवा को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
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कर्नाटक के बेलगावी से निकलने वाली इस नदी के पानी के बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों के बीच विवाद है। गोवा में इस नदी को मांडवी नदी कहा जाता है।
केरकर ने कहा कि राज्य सरकार को राज्य में मौजूदा झीलों और कुओं के संरक्षण के लिए एक समग्र कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए।
पर्यावरणिवद् सचिन तेंदुलकर ने कहा कि राज्य में ऊंचाई वाले और पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा जल संचय पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लोकनिर्माण विभाग और जल संसाधन विभाग को जलाशयों में प्रदूषण रोकने के लिए समन्वित प्रयास करने चाहिए।
(भाषा)