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LAC टेंशन पर बोले जयशंकर- 'भारत-चीन तनाव से किसी को फायदा नहीं, जितनी जल्द सुलझा लें'

India-China Tension: एस जयशंकर ने एक पैनल चर्चा के दौरान भारत-चीन के बीच LAC पर सेना की मौजूदगी कम करने और मौजूदा समझौतों को बनाए रखने पर जोर दिया।

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Written By aman
Published on: 12 March 2024 11:58 AM GMT (Updated on: 12 March 2024 12:10 PM GMT)
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विदेश मंत्री एस जयशंकर (Social Media)

Jaishankar on India-China Tension: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने भारत-चीन के बीच तनाव (India-China Relations) को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के बीच मौजूदा स्थिति से किसी भी देश को लाभ नहीं हुआ है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये बातें एक पैनल चर्चा में कही। जयशंकर ने भारत-चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर सेना की मौजूदगी कम करने तथा मौजूदा समझौतों को बनाए रखने पर जोर दिया।

जयशंकर- दोनों देशों के बीच तनाव से किसी का फायदा नहीं

एस जयशंकर ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि ये हमारे साझा हितों में है कि हमें लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (Line of Actual Control) पर सेनाओं की अधिक तैनाती नहीं करना चाहिए। मुझे लगता है कि, ये हमारे साझा हितों में है कि हमें उन समझौतों का पालन करना चाहिए जिन पर हमने हस्ताक्षर किए हैं। यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि चीन के हितों में भी है। बीते चार सालों में दोनों देशों के बीच के तनाव से किसी का भी फायदा नहीं हुआ।'

'भारत को LAC स्वीकार, जितना जल्द विवाद सुलझा लें'

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कई अन्य मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि, भारत हमेशा ही सीमा विवाद के निष्पक्ष और तर्कसंगत समाधान को लेकर प्रतिबद्ध रहा है। भारत LAC को स्वीकार करता है। उन्होंने ये भी कहा कि, हम इस विवाद को जितनी जल्दी सुलझा लेंगे, दोनों के लिए उतना ही अच्छा होगा।'

गलवान झड़प के बाद से रिश्तों में तनाव

उल्लेखनीय है कि, विदेश मंत्री एस जयशंकर का ये बयान ऐसे वक़्त आया है, जब चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर कई दौर की वार्ता हो चुकी है। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Violence) में हुई झड़प के बाद से भारत-चीन के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। इस गतिरोध को कम करने के लिए दोनों के मध्य कई दौर की राजनयिक और सैन्य वार्ता हो चुकी है। बावजूद अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है। फिलहाल दोनों ही पक्ष शांति बनाए रखने पर सहमत हैं।

वहीं, चीन की तरफ से सीमा विवाद सुलझाने के लिए की गई पेशकश के सवाल पर एस जयशंकर ने कहा, 'कोई भी देश सीमा विवाद को सुलझाने में शामिल है, तो उसे विश्वास करना होगा कि इसका समाधान होना चाहिए।

'पाक से बातचीत के लिए दरवाजे कभी बंद नहीं'

विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के साथ बातचीत पर कहा कि, 'पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए भारत ने अपने दरवाजे कभी बंद नहीं किए। वार्ता के केंद्र में आतंकवाद का मुद्दा निष्पक्ष और स्पष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा, बातचीत में आतंकवाद (PAK Terrorism) का मुद्दा केंद्र में होना चाहिए। मुद्दे और भी हैं, मगर बात करने के लिए आतंकवाद के मुद्दे को टाला नहीं जा सकता।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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