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S Jaishankar On China: विदेश मंत्री एस जयशंकर का 'ड्रैगन' पर वार, कहा- 'चीन ने हमारी संप्रभुता का उल्लंघन किया, मगर...'

S Jaishankar On China Relations: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर भारत-चीन रिश्तों पर प्रतिक्रिया दी। कोलकाता में उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच ठीक-ठाक और कामकाजी संबंध कैसे बनाए रखे जा सकते हैं।

Aman Kumar Singh
Published on: 30 Jun 2023 4:24 PM GMT (Updated on: 30 Jun 2023 4:40 PM GMT)
S Jaishankar On China: विदेश मंत्री एस जयशंकर का ड्रैगन पर वार, कहा- चीन ने हमारी संप्रभुता का उल्लंघन किया, मगर...
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विदेश मंत्री एस जयशंकर (Social Media)

S Jaishankar On China Relations: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने एक बार फिर 'ड्रैगन' पर निशाना साधा है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के एक कार्यक्रम में शुक्रवार (30 जून) को एस जयशंकर ने चीन को लेकर कहा, कि 'हमारे पड़ोसी द्वारा भारत की संप्रभुता का उल्लंघन किया गया, लेकिन उसके हर प्रयास का प्रतिकार भी हुआ।'

भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा, 'हमें अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) को और मजबूत करना चाहिए।' उन्होंने कहा, पश्चिमी ताकतों ने भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan Relations) के बीच जम्मू-कश्मीर के मसले में दखल की कोशिश की। क्लिंटन के दौर में तो यह सार्वजनिक तौर पर किया जाता था। ओबामा ने भी ये मुद्दा उठाया। लेकिन, चीन की तरफ से जब भी हमारी संप्रभुता (Sovereignty) का उल्लंघन किया गया, हर बार वैसी कोशिशों का जवाब दिया गया।'

चीन के साथ कामकाजी रिश्ते पर क्या बोले जयशंकर?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों (Bilateral Relations with China) पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, 'चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों में मौजूदा दौर में जो गिरावट आई है उसकी वजह भारत नहीं है। बल्कि, चीन की तरफ से पैदा की गई है। जयशंकर से एक सवाल पूछा गया कि, क्या दो एशियाई दिग्गजों के बीच कामकाजी संबंध हो सकते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'आखिरकार ताली एक हाथ से नहीं बजती। ताली बजाने के लिए दोनों हाथों की जरूरत होती है। चीन को भी कामकाजी रिश्ते में विश्वास होना चाहिए। तभी द्विपक्षीय संबंध बेहतर होंगे।'

...तो LAC पर समझौतों का पालन करना होगा

बात बढ़ी तो भारत-चीन सीमा विवाद पर भी जयशंकर ने अपनी बात रखी। एस विदेश मंत्री बोले, 'अगर सभ्य कामकाजी संबंध बनाए रखना है तो चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) यानी एलएसी पर 1993 और 1996 में हुए समझौतों का पालन करना होगा।'

पाक पर दो टूक, सर्जिकल स्ट्राइक की दिलाई याद

केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य पड़ोसी पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर भी दो टूक बातें रखी। जयशंकर ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में हमने राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता (National Security and Integrity) को बढ़ाया। ये अहम कदम है। उन्होंने आगे कहा, हमारे पश्चिमी समकक्ष समझ रहे हैं।' विदेश मंत्री ने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर कहा, 'इस मुद्दे पर हमारा रुख स्पष्ट है। उरी और बालाकोट की कार्रवाई (Uri and Balakot operations) हमारी सोच में बदलाव को दिखती है।'

आपको याद दिला दें, दो दिन पहले यानि 28 जून को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को लेकर कुछ ऐसी ही बात कही थी। आज उनका बयान उसी की अगली कड़ी थी।

Aman Kumar Singh

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