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Chinese Loan APP: फर्जी चीनी कंपनियों ने भारत में की 1200 करोड़ रुपये की ठगी, ईडी दर्ज करेगी मनी लॉन्ड्रिंग का केस
Chinese Loan APP: फर्जी चीनी कंपनियों ने भारत में लोगों को तगड़ा चूना लगाया है। शेयर ट्रेडिंग, गेमिंग और ऐप लोन ऐप के जरिए इस ठगी को अंजाम दिया गया है। एसटीएफ ने अपनी जांच में पाया करीब 1200 करोड़ रूपये की ठगी इन फर्जी चीनी कंपनियों द्वारा की गई है।
Chinese Loan APP (Photo: Social Media)
Chinese Loan APP: फर्जी चीनी कंपनियों ने भारत में लोगों को तगड़ा चूना लगाया है। शेयर ट्रेडिंग, गेमिंग और ऐप लोन ऐप के जरिए इस ठगी को अंजाम दिया गया है। यूपी एसटीएफ ने अपनी जांच में पाया है कि करीब 1200 करोड़ रूपये की ठगी इन फर्जी चीनी कंपनियों द्वारा की गई है। इन पैसों का एक बड़ा हिस्सा हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चीन भेज दिया गया। इस काम को शेल कंपनियों की मदद से अंजाम दिया गया।
मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की जांच
ये कंपनियां दिल्ली, नोएडा समेत अन्य शहरों में बनाई गईं। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की एंट्री होने वाली है। मामले से जुड़े सारे दस्तावेज और एसटीएफ द्वारा कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट के आधार पर ईडी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू करेगी। ईडी पहले ही वीवो समेत अन्य चीनी मोबाइल कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की जांच कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों की कड़ियां आपस में जुड़ सकती हैं।
कई चीनी नागरिकों की हुई है गिरफ्तारी
पिछले एक साल में देश में कई चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी हुई है। नोएडा में पिछले साल जुलाई में एसटीएफ ने तीन चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। ये सभी फर्जी कंपनियां बनाकर पैसों का हेर-फेर कर रहे थे। इससे पहले भी यूपी के सीतापुर से दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। फर्जी ऐप के माध्यम से लोगों के साथ ठगी करने के मामले में अब तक 13 चीनी, 8 भारतीय और 1 तिब्बती शख्स की गिरफ्तारी हो चुकी है। 17 फरवरी को एक अन्य चीनी नागरिक को नेपाल से भारत में अवैध तरीके से प्रवेश करते हुए पकड़ा गया।
आईपी एड्रेस को ट्रैक कर धोखाधड़ी
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब पिछले साल दिल्ली पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। ये तीनों भारतीय नागरिकों का डेटा चुराकर चीनी ठगों को मुहैया कराते थे। ये लोग आईपी एड्रेस को ट्रैक करके साइबर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देते थे। डेटा के बदले इन्हें कमीशन दिया जाता था। आपको बता दें कि चाइनीज लोन ऐप के चक्कर में भारत में कई लोगों ने सुसाइड कर लिया था। जिसके बाद एजेंसियां इन ऐप्स के खिलाफ एक्शन में आईं और सख्ती बरतना शुरू किया।