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एंटी हाइजैकिंग एक्ट: झूठी सूचना में भी उम्र कैद

raghvendra
Published on: 14 Jun 2019 2:55 PM IST
एंटी हाइजैकिंग एक्ट: झूठी सूचना में भी उम्र कैद
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नई दिल्ली: किसी फ्लाइट के लिए अपहरण या हमले की झूठी सूचना या फर्जी धमकी भी किसी को उम्र कैद की सजा दिला सकती है। नया एंटी हाइजैकिंग एक्ट इस मामले में बेहद सख्त है। इस नए कानून के तहत पहली सजा मुम्बई के एक व्यक्ति हुई है। इस व्यक्ति ने प्यार-मोहब्बत में पड़ कर ऐसा काम कर डाला कि उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

बीते ११ जून को अहमदाबाद के एक विशेष न्यायालय ने एक बिजनेसमैन को जेट एयरवेज की मुम्बई-दिल्ली फ्लाइट में हाइजैकिंग की दहशत फैलाने के आरोप में उम्र कैद और ५ करोड़ रुपए का जुर्माने की सजा दी है। अक्टूबर २०१७ में बिरजू किशोर सल्ला नामक इस शख्स की हरकत के कारण इस फ्लाइट को मजबूरन अहमदाबाद में उतरना पड़ा था। हुआ ये था कि बिरजू किशोर ने जेट की फ्लाइट में विमान के टॉयलेट में एक प्रिंटेड पर्चा छोड़ दिया जिसमें दावा किया गया था कि विमान में १२ हाइजैकर सवार हैं।

उस समय खूब अफरातफरी मची और विमान को आपात स्थिति में अहमदाबाद में उतारा गया। इस मामले की जांच नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई। पता करना था कि कहीं हाइजैकिंग की धमकी में किसी आतंकी गुट का तो हाथ नहीं है। पर्चा उर्दू में लिखा गया था। जांच एजेंसी ने बिरजू किशोर को गिरफ्तार किया। पता चला कि विमान में सवार बिरजू किशोर के पास कोई हथियार नहीं था और उसकी मंशा सिर्फ यह सुनिश्चित करना था कि जेट एयरवेज में काम कर रही उसकी बीवी जो दिल्ली में तैनात थी उसका तबादला इस दहशत के बाद मुम्बई कर दिया जाए।

बिरजू किशोर ने सिर्फ इसी हरकत के कारण उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई। वजह था हाल में पारित एंटी हाइजैकिंग एक्ट २०१६, जिसके प्रावधान बेहद सख्त थे। इस एक्ट के तहत यह पहली सजा थी।

नया एक्ट क्यों आया

नया एक्ट १९८२ के कानून की जगह लाया गया। सरकार का मानना था कि नए खतरों के सामने १९८२ का कानून पुराना पड़ गया था। नया एक्ट ‘हेग हाइजैकिंग कन्वेंशन’ के समझौते व २०१० के बीजिंग प्रोटोकॉल को लागू करने के लिए था।

हेग कन्वेंशन (विमान को गैरकानूनी तरीके से कब्जे में लेने से रोकने का समझौता) कहता है कि कन्वेंशन के प्रतिभागी सदस्य विमान के हाइजैकर को अवश्य दंडित करेंगे। अगर कन्वेंशन का प्रतिभागी कोई अन्य देश, ऐसे हाइजैकर पर मुकदमा चलाने के लिए उसके प्रत्यर्पण की मांग करता है तो ऐसा किया जाएगा।

२०१० के बीजिंग प्रोटोकॉल में कई संशोधन किए गए व नए प्रावधान जोड़े गए। यह १ जनवरी २०१८ में प्रभाव में आया और इस पर सितम्बर २०१८ तक २७ देशों ने हस्ताक्षर किए हुए थे।

धमकी भी हाइजैकिंग

एंटी हाइजैकिंग एक्ट २०१६ के तहत न सिर्फ वास्तविक हाइजैकिंग दंडनीय है बल्कि असली दिख रही झूठी धमकी भी हाइजैकिंग के समान है। इसका मतलब है कि किसी झूठी कॉल से अगर किसी विमान को पहले से नियत स्थान की बजाए किसी और जगह जबरन उतरना पड़ता है तो ऐसे कृत्य को हाइजैकिंग माना जाएगा और उतना ही दंड दिया जाएगा।

एक्ट के अनुसार हाइजैकिंग के लिए हथियार के बल पर किसी विमान को कब्जे में लेना ही जरूरी नहीं है बल्कि किसी टेक्रोलॉजिकल धमकी के जरिए रिमोट से विमान को हाइजैक किया जा सकता है।

एक्ट की धारा ३ (१) के अनुसार ऐसे किसी व्यक्ति को भी विमान हाइजैकिंग काअपराध करने वाला माना जाएगा अगर वह ऐसा अपराध करने की धमकी देता है। यानी एक्ट के अनुसार हाइजैकिंग का प्रयास, दूसरों को हाइजैकिंग करने का निर्देश देना, हाइजैकिंग के कृत्य में सहभागी बनना और किसी व्यक्ति को जांच से बचने में मदद करना भी हाइजैकिंग के समान दंडनीय है। हाइजैकिंग की तैयारी करना भी हाइजैकिंग माना जाता है भले ही वास्तविकता में हाइजैकिंग की गई हो या नहीं। कोई व्यक्ति अगर ऐसा अपराध करने में किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को अपनी सहमति देता है, और भले ही वह अपराध न किया जाए तब भी यह कृत्य हाइजैकिंग समझा जाएगा।

सजा

अगर हाइजैकिंग के कारण किसी यात्री या चालक दल के किसी सदस्य की मौत हो जाती है तो इसकी सजा मौत होगी। अगर हाइजैकिंग के दौरान किसी की मौत नहीं होती है तो अभियुक्त को उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। एक्ट में अभियुक्त पर जुर्माने और उसकी चल-अचल संपत्ति जब्त करने करने का प्रावधान है। अभियुक्त पर हाइजैकिंग के दौरान किए गए किसी अन्य अपराध पर भी मुकदमा चलाने का प्रावधान है।

एक्ट के तहत अभियुक्त को ३० दिन तक कस्टडी में रखा जा सकता है। उसकी जमानत अर्जी पर तब तक विचार नहीं किया जाएगा जब तक कि लोक अभियोजनक यानी सरकारी वकील को ऐसी अर्जी का विरोध करने का अवसर न दिया जाए।

पुराना और नया एक्ट

एक्ट के नए प्रावधानों में सजा-ए-मौत, झूठी कॉल के लिए उम्र कैद और ‘इन सर्विस’ विमान यानी एक्टिव विमान की विस्तृत परिभाषा शामिल है। पुराने एक्ट के अनुसार, विमान के सब दरवाजे बंद होने से लेकर विमान से एक-एक यात्री के उतरने तक की अवधि के बीच विमान को ‘इन सर्विस’ माना जाता था।

नए एक्ट में कहा गया है कि ग्राउंड स्टाफ या चालक दल द्वारा किसी फ्लाइट की तैयारी की शुरुआत से लेकर विमान के उतरने के २४ घंटे बाद तक उसे इन सर्विस माना जाएगा। अगर किसी विमान की आपात या जबरन लैंडिंग होती है तो फ्लाइट को तब तक इन सर्विस माना जाएगा जब तक कि अधिकृत अथॉरिटी द्वारा विमान की जिम्मेदारी नहीं ले ली जाती।

नया एक्ट उस वक्त भी लागू होगा यदि अपराध भारत के बाहर किया जाता है बशर्ते विमान भारत में रजिस्टर्ड हो या भारतीयों को लीज पर दिया गया हो। अपराधी भारतीय हो या अपराधी किसी देश का नागरिक न हो लेकिन भारत में निवास कर रहा हो (जैसे कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासी) या अपराध भारतीयों के खिलाफ किया गया हो। इन सभी स्थितियों में नए एक्ट के प्रावधान लागू होंगे।

बिरजू किशोर सल्ला पर ५ करोड़ का जो जुर्माना लगाया गया है वह पैसा जेट की उस फ्लाइट के पायलट, क्रू मेंबर्स और यात्रियों में बांटा जाएगा। पायलटों को एक-एक लाख, प्रत्येक क्रू मेंबर को ५० हजार और हर यात्री को २५ हजार रुपए दिए जाएंगे।

प्रेम प्रसंग

बिरजू किशोर ने ये कांड प्यार-मोहब्बत के नाम पर किया। पहले से विवाहित बिरजू का अफेयर जेट एयरवेज में काम कर रही एक महिला के साथ था। बिरजू ने विमान में चिठ्ठïी प्लांट करने से तीन महीने पूर्व उस महिला से शादी कर ली थी। वह चाहता था कि दोनों साथ रहें ताकि उसके बीमार पिता की देखभाल हो सके। बिरजू चाहता था कि उसकी पत्नी नौकरी छोड़ दे और इसीलिए उसने यह खेल किया।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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