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प्रसिद्ध कवि और लेखक विनोद कुमार शुक्ल को मिलेगा ज्ञानपीठ पुरस्कार

हिंदी के प्रसिद्ध लेखक विनोद कुमार शुक्ल को इस साल का ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलेगा। उनका लेखन 50 वर्षों से साहित्य जगत में प्रमुख है। उनके उपन्यास और कविताएं हिंदी साहित्य में विशेष मानी जाती हैं।

Newstrack          -         Network
Published on: 22 March 2025 4:35 PM IST
कवि विनोद कुमार शुक्ल
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कवि विनोद कुमार शुक्ल (फोटो: सोशल मीडिया)

Vinod Kumar Shukla: हिंदी के प्रसिद्ध कवि और लेखक विनोद कुमार शुक्ल को इस साल का सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान, ज्ञानपीठ पुरस्कार, प्रदान किया जाएगा। इस बारे में आज नई दिल्ली में घोषणा की गई। विनोद कुमार शुक्ल रायपुर में रहते हैं और उनका जन्म 1 जनवरी 1937 को राजनांदगांव में हुआ था। वह पिछले 50 वर्षों से लेखन कार्य में संलग्न हैं। उनका पहला कविता संग्रह "लगभग जयहिंद" 1971 में प्रकाशित हुआ था, और तभी से उनकी लेखनी ने साहित्य जगत में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना लिया था।

उनके उपन्यास जैसे "नौकर की कमीज", "खिलेगा तो देखेंगे" और "दीवार में एक खिड़की रहती थी" हिंदी साहित्य के बेहतरीन उपन्यासों में माने जाते हैं। साथ ही, उनकी कहानियों का संग्रह "पेड़ पर कमरा" और "महाविद्यालय" भी खूब चर्चा में रहा है। विनोद कुमार शुक्ल की कविताओं की किताबें, जैसे "वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहनकर", "आकाश धरती को खटखटाता है" और "कविता से लंबी कविता", बेहद लोकप्रिय हुई हैं।

उन्होंने बच्चों के लिए भी कई किताबें लिखी हैं, जिनमें "हरे पत्ते के रंग की पतरंगी" और "कहीं खो गया नाम का लड़का" जैसी किताबें शामिल हैं, जिन्हें बच्चों ने बहुत पसंद किया है। उनकी किताबों का अनुवाद कई भाषाओं में हो चुका है, और उनका साहित्य दुनियाभर में पढ़ा जाता है।

विनोद कुमार शुक्ल को उनके अद्वितीय लेखन के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं, जैसे गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप, रजा पुरस्कार, और साहित्य अकादमी पुरस्कार (उनके उपन्यास "दीवार में एक खिड़की रहती थी" के लिए)। इसके अलावा, उन्हें मातृभूमि बुक ऑफ द ईयर अवार्ड और पेन अमेरिका नाबोकॉव अवार्ड भी मिल चुका है। यह उल्लेखनीय है कि वे एशिया के पहले साहित्यकार हैं जिन्हें यह पुरस्कार प्राप्त हुआ। उनके उपन्यास "नौकर की कमीज" पर मशहूर फिल्मकार मणिकौल ने एक फिल्म भी बनाई थी।

Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

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