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Kisan Andolan: किसानों ने स्थगित किया दिल्ली कूच, सरकार को चेताया... नहीं तो रविवार को फिर निकलेगा जत्था

किसानों पर छोड़े गये थे आंसू गैस, 6 किसान नेता हुये घायल, जत्थे को बुलाया गया वापस

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Newstrack Network
Published on: 6 Dec 2024 5:43 PM IST (Updated on: 6 Dec 2024 6:30 PM IST)
Kisan Andolan: किसानों ने स्थगित किया दिल्ली कूच, सरकार को चेताया... नहीं तो रविवार को फिर निकलेगा जत्था
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Kisan Andolan: शंभू बॅार्डर पर 6 दिसंबर को पुलिस और किसानों की बीच हुई झड़प के बाद किसान संगठनों ने जत्थे को वापस बुला लिया। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि पुलिस कार्रवाई में 6 किसान जख्मी हुए हैं। पंढेर ने यह भी बताया कि किसानों का जत्था अब शनिवार को भी नहीं निकलेगा बल्कि किसान अब रविवार को 12 बजे दिल्ली के लिए कूच करेंगे।

क्यों कर रहे दुश्मनों जैसा व्यवहार? पीएम से किया सवाल

पुलिस और किसानों की बीच हुई झड़प के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या हम किसानों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार किया जा रहा है? हम भी इसी देश के नागरिक हैं। इस देश के लिए हमने भी बहुत बड़ी कुर्बानियां दी हैं।

प्रेस वार्ता संबोधित करते हुये किसान नेता पंढेर ने आगे कहा कि, पूरी दुनिया ने आज देखा कि कैसी दुनिया की पांचवी बड़ी महाशक्ति ने 100 के जत्थे के उपर कैसे बर्बरतापूर्वक बर्ताव किया। प्रधानमंत्री मोदी के पास कोई दलील, अपील नहीं है कि हमें क्यों दिल्ली जाने से रोका जा रहा है।

राहुल गांधी ने भी जताई नाराजगी

शंभू बॅार्डर पर किसानों पर हुई कार्रवाई पर नेता विपक्ष राहुल गांधी ने नाराजगी जताई और कहा कि किसान सरकार के सामने अपनी मांगों को रखने और अपनी दर्द दिखाने के लिए दिल्ली आना चाहते हैं। लेकिन उन पर आंसू गैस के गोले दागना और उन्हें तरह-तरह से रोकने की कोशिश निंदनीय है। सरकार को उनकी मांगों और समस्याओं को गंभीरता से सुनना चाहिए।

सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए नेता विपक्ष ने कहा, किसान सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखने और अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए दिल्ली आना चाहते हैं‌। उनपर आंसू गैस के गोले दागना और उन्हें तरह-तरह से रोकने का प्रयास करना निंदनीय है। सरकार को उनकी मांगों और समस्याओं को गंभीरता से सुनना चाहिए। अन्नदाताओं की तकलीफ़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज देश में हर घंटे एक किसान आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं। मोदी सरकार की घोर असंवेदनशीलता के कारण पहले किसान आंदोलन में 700 से अधिक किसानों की शहादत को भी देश नहीं भूला है। हम किसानों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मांगों का समर्थन करते हैं। एमएसपी की लीगल गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार खेती की व्यापक लागत का 1.5 गुना एमएसपी, क़र्ज़ माफ़ी समेत तमाम मांगों पर सरकार को तुरंत अमल करना चाहिए। जब अन्नदाता खुशहाल होंगे तभी देश खुशहाल होगा।





Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

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