सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक टली, अब कल होगी इन मुद्दों पर चर्चा

suman
Published on: 19 Jan 2021 3:56 AM GMT
सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक टली, अब कल होगी इन मुद्दों पर चर्चा
X
सरकार ने कहा कि मामले को सुलझाने में देरी इसलिए हो रही है किसान नेता अपने हिसाब से समाधान

नई दिल्ली : किसानों और सरकार की मंगलवार को होने वाली बैठक एक दिन के लिए टल गई है। अब ये बैठक 19 जनवरी के बजाए 20 जनवरी को होगी। ये जानकारी कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने दी। बता दें कि नए कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसानों का आंदोलन सोमवार को 54वें दिन जारी रहा।

नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच दसवें दौर की वार्ता अब 20 जनवरी को होगी। केंद्र ने कहा है कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द गतिरोध सुलझाना चाहते हैं लेकिन अलग विचारधारा के लोगों की संलिप्तता की वजह से इसमें देरी हो रही है।

यह पढ़ें...कुंडली में मौजूद ये ग्रह, जातक को बनाते हैं कंगाल, घर में होता है हरदम विवाद

kisan

विज्ञान भवन में किसान संगठनों

कृषि मंत्रालय के एक बयान में सोमवार को कहा कि 'विज्ञान भवन में किसान संगठनों के साथ सरकार के मंत्रियों की बैठक 19 जनवरी के बजाए 20 जनवरी को दोपहर दो बजे होगी।' उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मामले को सुलझाने के मकसद से गठित समिति भी मंगलवार को अपनी पहली बैठक करेगी। कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने 40 किसान संगठनों को एक पत्र में कहा, 'प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ सरकार के मंत्रियों की वार्ता 19 जनवरी को होने वाली थी।अपरिहार्य कारणों से बैठक को टालना आवश्यक हो गया।' उन्होंने कहा, 'अब बैठक विज्ञान भवन में 20 जनवरी को दोपहर दो बजे से होगी। आपसे बैठक में भागीदारी करने का आग्रह किया जाता है।

बेनतीजा रही 9वें दौर की बैठक

सरकार और किसान संगठनों के बीच पिछली बैठक बेनतीजा रही थी। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'जब किसान हमसे सीधी बात करते हैं तो अलग बात होती है लेकिन जब इसमें नेता शामिल हो जाते हैं, अड़चनें सामने आती हैं। अगर किसानों से सीधी वार्ता होती तो जल्दी समाधान हो सकता था। उन्होंने कहा कि चूंकि विभिन्न विचारधारा के लोग इस आंदोलन में प्रवेश कर गए हैं, इसलिए वे अपने तरीके से समाधान चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'दोनों पक्ष समाधान चाहते हैं लेकिन दोनों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए विलंब हो रहा है। कोई न कोई समाधान जरूर निकलेगा।' पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों के किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले कई हफ्ते से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।

kisan neta tikait-narendra singh tomar-2

यह पढ़ें...100 रुपए होने वाला है पेट्रोल का दाम! इतना महंगा हुआ डीजल, ऐसे चेक करें रेट

कृषि कानून किसानों के लिए लाभकारी

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस बीच डिजिटल माध्यम से एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दोहराया कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए लाभकारी होंगे। उन्होंने कहा, 'पिछली सरकारें भी ये कानून लागू करना चाहती थीं लेकिन दबाव के कारण वे ऐसा नहीं कर सकीं।

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य कानून 2020, कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु कानून 2020 को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले साल 26 नवंबर से चल रहा है।

suman

suman

Next Story