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पड़ी किसानों में फूट: वजह बने राकेश टिकैत, क्या सच में किसान नेता ने ये कहा था

किसान नेता टिकैत ने यह भी कहा था कि गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहा धरना-प्रदर्शन चलता रहेगा। रेल रोको आंदोलन में धरना स्थल से कोई किसान नहीं जाएगा।

Shreya
Published on: 18 Feb 2021 11:03 AM GMT
पड़ी किसानों में फूट: वजह बने राकेश टिकैत, क्या सच में किसान नेता ने ये कहा था
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पड़ी किसानों में फूट: वजह बने राकेश टिकैत, क्या सच में किसान नेता ने ये कहा था

रामकृष्ण वाजपेयी

नई दिल्ली: किसानों ने अपने आंदोलन के तहत आज पूरे देश में स्टेशनों पर ट्रेनों पर फूल माला चढ़ाकर यात्रियों को किसानों की समस्याएं बताईं और उनकी समस्याएं सुनीं। किसानों ने यात्रियों को जलपान भी कराया। 40 किसान यूनियनों के मंच संयुक्त किसान मोर्चा ने इस रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया था।

लेकिन मीडिया के कुछ हलकों में इस बीच ये खबर चलाई गई थी कि टिकैत ने एलान कर दिया है कि किसान ट्रेन नहीं रोकेंगे, ट्रेनें हमारे भाइयों को भी ले जा रही हैं, पंजाब और हरियाणा वाले ही रोक रहे, मुट्ठी भर चल रही हैं ट्रेनें उन्हें भी रोकने से किसका होगा भला होगा।

यह खबर एक सुनियोजित योजना के तहत फैलाई गई थी। इसके पीछे मकसद किसान संगठनों में फूट पड़ गई है यह दिखाना था। दूसरे ट्रेनें रोकने के लिए जुटने वाले किसानों को हतोत्साहित करना था।

क्या था राकेश टिकैत का बयान

वास्तव में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ये कहा था कि किसान बीच रास्ते में कहीं ट्रेनों को नहीं रोकेंगे। इससे यात्रियों को असुविधा होगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि ट्रेनों में हमारे ही भाई बंधु जा रहे होंगे हम उनको परेशान क्यों करेंगे। उन्होंने कहा था कि किसान स्टेशनों पर ट्रेनों के इंजन का फूल माला से स्वागत करेंगे। यात्रियों को पानी पिलाएंगे व नाश्ता देंगे। साथ ही उनकी तकलीफ पूछेंगे और किसान आंदोलन के कारण बताएंगे।

bku-rakesh tikait (फोटो- ट्विटर)

गाजीपुर बॉर्डर पर जारी रहेगा धरना-प्रदर्शन

किसान नेता टिकैत ने यह भी कहा था कि गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहा धरना-प्रदर्शन चलता रहेगा। रेल रोको आंदोलन में धरना स्थल से कोई किसान नहीं जाएगा। इस आंदोलन को क्षेत्रीय लोग चलाएंगे और सांकेतिक रूप से ट्रेनें रोकेंगे और ड्राइवर को माला पहनाएंगे। इस दौरान यात्रियों को लस्सी के साथ खाना भी खिलाया जाएगा और उनसे अनुरोध किया जाएगा कि वह आंदोलन में हमारा मौन समर्थन करें।

राष्ट्रीय सड़क राजमार्ग प्राधिकरण के किसानों पर सड़कों से छेड़छाड़ करने, बिजली चोरी करने और प्राधिकरण के काम का नुकसान होने के आरोप पर किसान नेता ने कहा था कि प्राधिकरण किसानों से न उलझे, यदि किसान अपने पर आए तो देश के सभी टोल फ्री कर दिए जाएंगे।

किसान आंदोलन को देखते हुए आज कई जगह ट्रेन सेवा सुरक्षा के लिहाज से स्थगित कर दी गई थी। स्टेशनों पर कड़े सुरक्षा प्रबंध किये गए थे। बावजूद इसके पूरे देश में अनेकों स्टेशनों पर किसानों ने आंदोलन के तहत ट्रेनों को रोका। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में तमाम जगह ट्रेनों को रोका गया। इसके अलावा कर्नाटक, पश्चिम बंगाल से भी ट्रेनें रोके जाने की खबरें हैं।

टिकैत ने कहा है कि सरकार मुगालते में न रहे कि किसान फसल काटने के लिए आंदोलन स्थल खाली कर देंगे। उन्होंने चेताया कि जरूरत पड़ी तो फसल फूंक देंगे। वैसे जैसे आंदोलन चल रहा है वैसे ही फसल भी काट लेंगे।

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