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Kisan Andolan: शंभू बॉर्डर पर जारी बवाल के बीच किसानों को फिर मिला बातचीत का न्योता

Kisan Andolan: इस आंदोलन से दूरी बनाकर रखने वाले हरियाणा के बड़े किसान संगठन भी इसमें शामिल होने के लिए कमर कस चुके हैं, जिसने मनोहर लाल खट्टर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 21 Feb 2024 4:45 AM GMT (Updated on: 21 Feb 2024 9:33 AM GMT)
kisan Andolan (Photo:Social Media)
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kisan Andolan (Photo:Social Media)

Kisan Andolan: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन के बाद एकबार फिर किसान सड़कों पर हैं। अबकी बार किसान उन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसका उनसे वादा किया गया था। केंद्र के साथ चार दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद आज यानी बुधवार 21 फरवरी को किसान दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश कर रहे हैं। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान मौजूद हैं। यहां पुलिस और किसान के बीच झड़प होने की भी खबर है।

जिसके कारणँ शंभू बॉर्डर पर माहौल एकबार फिर तनावपूर्ण हो गया है। किसान लगातार ट्रैक्टर से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें हरियाणा पुलिस पीछे धकेलने के लिए हवा में फायरिंग और आंसू गैस के गोले दाग रही है। इस बीच केंद्र सरकार की ओर से आंदोलनरत किसानों के समक्ष एकबार फिर बातचीत की पेशकश की गई है। केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से शांति बरतने की अपील करते हुए कहा कि सरकार चौथे दौर के बाद पांचवें दौर में सभी मुद्दे जैसे की MSP की मांग, crop diversification, पराली का विषय, FIR पर बातचीत के लिए तैयार है।मैं दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं। हमें शांति बनाये रखना जरूरी है।

केंद्र की इस पेशकश पर फिलहाल किसान नेताओं की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे पहले रविवार को चौथी दौर की वार्ता असफल रहने के बाद किसान नेताओं ने दो टूक कहा था कि अब सरकार से कोई बातचीत नहीं होगी। बता दें कि अभी तक इस आंदोलन से दूरी बनाकर रखने वाले हरियाणा के बड़े किसान संगठन भी इसमें शामिल होने के लिए कमर कस चुके हैं, जिसने मनोहर लाल खट्टर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राज्य के सात जिलों में इंटरनेट पर लगे प्रतिबंध को एक दिन और बढ़ा दिया गया है। राज्य के कई किसान और खाप संगठनों ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।

क्या बोले किसान नेता ?

दिल्ली की ओर मार्च करने से पहले इस आंदोलन के दो बड़े चेहरे जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर ने शंभू बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत की और एकबार फिर केंद्र से या तो उनकी मांगों को मान लेने या उन्हें दिल्ली जाने की अनुमति देने की मांग की। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव पंढेर ने कहा कि हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। हम बैठकों में शामिल हुए, हर बिंदु पर चर्चा हुई और अब फैसला केंद्र सरकार को लेना है।

हम शांत रहेंगे। प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए और हमारी मांगों को स्वीकार करना चाहिए। 1.5-2 लाख करोड़ रुपये ज्यादा बड़ी रकम नहीं है। इन बाधाओं को हटाकर हमें दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए। वहीं, संयुक्त किसान मोर्च गैर राजनीतिक के प्रमुख जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि ये ठीक नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं। हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं, सरकार बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने दे, नहीं तो हमारी मांगें मान लें। अगर वे एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे। उन्होंने आंदोलन में शामिल युवाओं से शांति रहने की अपील की।

पंजाब की स्थिति पर केंद्र चिंतित

इस बार के किसान आंदोलन में मुख्य रूप से पंजाब के किसान शामिल हैं, इसलिए वहां हालात ज्यादा नाजुक है। आम आदमी पार्टी शासित पंजाब की ताजा स्थिति पर केंद्र चिंतित है। गृह मंत्रालय की आंतरिक रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों के असंतोष का फायदा उठाकर कुछ उपद्रवी बवाल कर सकते हैं। केंद्र ने पंजाब के मुख्य सचिव को ऐसे तत्वों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट् में कहा गया है कि राज्य सरकार ने शंभू बॉर्डर पर लगभग 14 हजार लोगों को जमा होने की अनुमति दी है। ये सभी 1200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, 300 कारों, 10 मिनी बसों और अन्य वाहनों के साथ पहुंचेंगे।

पंजाब पुलिस जब्त करेगी भारी मशीन

किसानों के जेसीबी, पोकलेन, हाइड्रा, टिपर जैसे अन्य शक्तिशाली अर्थमूविंग मशीनरी के साथ आगे बढ़ने की जानकारी मिलने से हरियाणा और दिल्ली पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है। किसानों ने शंभू और खनौरी बॉर्डर और दिल्ली बॉर्डर पर की गई भारी बैरिकेडिंग को ध्वस्त करने के लिए इन मशीनों के साथ कूच करने का निर्णय लिया है। हरियाणा डीजीपी ने पंजाब पुलिस के अपने समकक्ष से इस पर चिंता जताते हुए खत लिखा है, उन्होंने ऐसी भारी मशीनों को जब्त करने का अनुरोध किया है। जिसके बाद पंजाब पुलिस ने हरियाणा की ओर जाने वाली ऐसी भारी मशीनों को रोकने के निर्देश जारी किए हैं।


Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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