×

सिर मुंडवाकर नोएडा पहुंचे किसान, सांसद डॉ. महेश शर्मा के हॉस्पिटल का किया घेराव

किसान संघर्ष समन्वय समिति ने किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लगातार कदमों की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि असल में सरकार किसानों की मुक्त समस्या तीन खेती के कानून और बिजली बिल 2020 की वापसी को हल नहीं करना चाहती।

Newstrack
Published on: 12 Dec 2020 12:33 PM GMT
सिर मुंडवाकर नोएडा पहुंचे किसान, सांसद डॉ. महेश शर्मा के हॉस्पिटल का किया घेराव
X
डॉ. महेश शर्मा का कैलाश हॉस्पिटल नोएडा के सेक्टर 27 में स्थित है। किसानों के आंदोलन को देखते हुए यहां पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आन्दोलन आज 17वें दिन भी जारी है। किसानों और केंद्र सरकार के बीच अब तक की सभी बातचीत बेनतीजा रही है।

जिसके बाद से किसानों ने अब आन्दोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है। विपक्ष का समर्थन मिलने के बाद से किसानों के आन्दोलन ने और जोर पकड़ लिया है।

किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं कर देती हैं तब तक वे यहां से लौटकर अपने घर जाने वाले नहीं है।

farmer protest किसान आन्दोलन (फोटो: सोशल मीडिया)

नड्डा के काफिले पर हमले के मामले में गृह मंत्रालय ने लिया बड़ा एक्शन, 3 IPS तलब

सांसद डॉ. महेश शर्मा के हॉस्पिटल का घेराव

भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति से जुड़े लोग आज नोएडा में सांसद डॉ. महेश शर्मा के कैलाश हॉस्पिटल का घेराव करने के लिए पहुंचे।

उनमें से कई लोगों ने अपने सिर मुंडवा रखे थे। पुलिस ने उन्हें समझाने-बुझाने का प्रयास किया। इस दौरान किसानों ने सांसद डॉ. महेश शर्मा को ज्ञापन सौंपा।

बता दें कि महेश शर्मा का कैलाश हॉस्पिटल नोएडा के सेक्टर 27 में स्थित है। किसानों के आंदोलन को देखते हुए यहां पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

सरकार इस मसले को हल नहीं करना चाहती: किसान समिति

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लगातार कदमों की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि असल में सरकार किसानों की मुक्त समस्या तीन खेती के कानून और बिजली बिल 2020 की वापसी को हल नहीं करना चाहती।

अपने जिद्दी रवैये को छिपाने के लिए वह इस तरह के कदम उठा रही है।पहले केन्द्र सरकार ने दावा किया कि किसानों का यह आंदोलन राजनीतिक दलों द्वारा प्रोत्साहित है।

फिर उसने कहा कि यह विदेशी ताकतों द्वारा प्रोत्साहित है, इसके बाद उसने कहा कि यह पंजाब का आंदोलन है, जिसमें खालिस्तान पक्षधर ताकतें भाग ले रही हैं।इसके बाद कहा कि किसान संगठन वार्ता से बच रहे हैं जबकि हमने सभी वार्ताओं में भाग लिया, किसी वार्ता में जाने से मना नहीं किया।

Farmers Protest किसान आन्दोलन(फोटो:सोशल मीडिया)

खालिस्तानियों और वामपंथियों वाले बयानों पर सियासत गरमाई, पढ़ें किसने क्या कहा?

पीयूष गोयल के इस बयान के बाद अकाली दल ने दी तीखी प्रतिक्रिया?

किसान आंदोलन में वामपंथियों और माओवादियों की घुसपैठ के बयानों पर राजनीति गरमाने लगी है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आंदोलन के माओवादियों और वामपंथियों के हाथों में चले जाने की बात कही थी।

इस पर किसान संगठनों ने कहा कि अगर ऐसा है तो केंद्र उन लोगों को सलाखों के पीछे डाल दे। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सहयोगी और पंजाब के प्रमुख राजनीतिक दल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का बयान भी अब सामने आया है।

पार्टी के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि किसान संगठनों को खालिस्तानियों और राजनीतिक दलों की संज्ञा देकर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। अगर कोई केंद्र से असहमत है तो वे उन्हें देशद्रोही कहते हैं।

अकाली दल के प्रमुख ने ये भी कहा कि यह बेहद ही अफसोसजनक है। ऐसे बयान देने वाले मंत्रियों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। हम केंद्र के इस रवैये और ऐसे बयानों की निंदा करते हैं।

केंद्र किसानों की बात सुनने के बजाय उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है। जब किसान कृषि कानून नहीं चाहते तो केंद्र क्यों नहीं मान रहा। मेरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध है कि वे किसानों की बात सुनें।

मोदी सरकार को किसानों को टरकाना और उनसे टकराना बंद करना चाहिए: सुरजेवाला

Newstrack

Newstrack

Next Story