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ऐसा देश है मेरा! यहाँ अपने को सच साबित करने के लिए देनी पड़ती है जान, अब मिला मुआवजा
नरसिंहपुर : मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में एक किसान के आत्महत्या कर लेने के बाद उसके बैंक खाते में मुआवजे की राशि आई है। कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के किसान हितैशी होने पर सवाल उठाए हैं। अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) जी. एस. धुर्वे ने बुधवार को स्वीकार किया कि मुआवजे की रकम मंगलवार को लक्ष्मी प्रसाद के खाते में जमा कराई गई है।
उल्लेखनीय है कि नरसिंहपुर के धमना गांव के लक्ष्मी प्रसाद गुमास्ता (70) ने मंगलवार को सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली थी। कथित तौर पर उस पर सात लाख रुपये का कर्ज था और तीन एकड़ क्षेत्र में लगी फसल भी आग से जल गई थी। मुआवजे के लिए वह लगातार अफसरों के चक्कर काटता रहा, मगर उसे मुआवजा नहीं मिला। लेकिन लक्ष्मी प्रसाद की मौत के बाद आनन-फानन में मंगलवार को ही 12,900 रुपये मुआवजा उसके खाते में जमा करा दिया गया।
किसान के परिजनों ने इसके पहले आरोप लगाया था कि मुआवजे के लिए छह बार रिश्वत देने के बाद भी मुआवजे की राशि नहीं मिल पाई।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भोपाल में एक बयान जारी कर कहा, "राज्य में कर्ज से दबे किसान भ्रष्टाचार से इतने परेशान हो चुके हैं कि आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं। राज्य में बीते 15 दिनों में 23 किसान जान दे चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिर्फ घोषणाओं के अलावा कुछ नहीं करते हैं। यही कारण है कि किसानों को उपज का वाजिब दाम मिलना तो दूर समर्थन मूल्य पर भी उपज की खरीदी नहीं हो रही है।"