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महागठबंधन: तेज की बगावत पर निर्भर होगी राजद की राह

raghvendra
Published on: 21 Dec 2018 10:37 AM GMT
महागठबंधन: तेज की बगावत पर निर्भर होगी राजद की राह
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शिशिर कुमार सिन्हा

पटना: कांग्रेस को तीन राज्यों में मिली बड़ी जीत के बावजूद बिहार में महागठबंधन के अंदर बहुत उत्साह नहीं दिख रहा है। औपचारिक बधाई संदेश से आगे महागठबंधन में बहुत कुछ नहीं है। विधानसभा में सीटों के मामले में प्रदेश की सबसे ताकतवर पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अंदर छायी वीरानी के कारण उत्साह की यह कमी साफ झलक रही है। लालू प्रसाद की पार्टी राजद खुद अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। एक तरफ लालू प्रसाद को चारा घोटाले में जेल से राहत नहीं मिल रही तो दूसरी ओर लालू-राबड़ी के बड़े बेटे अपनी नवविवाहिता पत्नी से तलाक पर अड़े हैं। राजनीतिक परिवार के इस उथलपुथल ने राजद को अंदर ही अंदर परेशान कर रखा है। तेज प्रताप एक किनारे रहते तो भी लालू-राबड़ी के दूसरे बेटे पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी सबकुछ संभाले रहे जाते, लेकिन ताजा स्थितियों में पार्टी का युवा जनाधार संभाले नहीं संभलता दिख रहा है।

कई दिनों बाद सामने आए तेज

नवविवाहिता ऐश्वर्या राय के साथ खुद को असहज बताते हुए तलाक की अर्जी देने के बाद से परिवार का दबाव देखते हुए तेज प्रताप यादव लगातार बाहर रह रहे थे। पटना आकर भी वह लालू-राबड़ी आवास नहीं गए। अब पार्टी दफ्तर आए तो कई सीख के साथ। एक रिश्तेदार के यहां शादी की पार्टी में अपने ससुर चंद्रिका राय से दूरी बनाए रखने के कारण चर्चा में रहे तेज प्रताप अगले दिन राजद कार्यालय आए तो सीधे अपने पिता लालू प्रसाद यादव की कुर्सी पर जा बैठे। उन्होंने अपने अंदाज में कह भी दिया कि तेजस्वी को वह पहले ही अपना उत्तराधिकारी बता चुके हैं, लेकिन बड़ी दीदी मीसा भारती को लेकर उनकी सीख को सुनकर पार्टी के नेता भी चौंक गए। तेज प्रताप ने कहा कि सबकुछ ठीक रहने पर मीसा को पार्टी लाइन पर काम करने में परेशानी नहीं होगी।

मां राबड़ी देवी के साथ बड़ी दीदी मीसा भारती तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय के पक्ष में नजर आती रही हैं। परिवार को जोड़े रखने की इन कोशिशों को तेज प्रताप दूसरे नजर से देख रहे हैं। तेज प्रताप फिलहाल हर उस शख्स को अपना दुश्मन मान रहे हैं, जो उन्हें ऐश्वर्या से रिश्ता कायम रखने के लिए समझाने का प्रयास कर रहा है। राजद कार्यालय में उनसे कई नेताओं की मुलाकात हुई, लेकिन किसी ने इस विषय पर इसी कारण नहीं छेड़ा। दूसरी तरफ, सत्तारूढ़ राजनीतिक दल तेज प्रताप के हर एक्शन-रिएक्शन पर नजर रख रहे हैं ताकि बिहार में महागठबंधन का सबसे मजबूत दल राजद दोबारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए मुसीबत खड़ी करने में पूरी ताकत न झोंक सके।

यूथ के बीच तेज प्रताप की अलग है छवि

राजद के युवा कार्यकर्ताओं के बीच तेजस्वी और तेज प्रताप की छवि में बहुत अंतर है। शायद इसी अंतर के कारण बड़े बेटे तेज प्रताप को पिछली महागठबंधन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का पद देकर संतोष करा लिया गया था और छोटे तेजस्वी को उप-मुख्यमंत्री का पद दिलाया गया था। राजद के युवा कार्यकर्ताओं का मानना है कि तेजस्वी लालू की तरह कूटनीति जानते हैं और समय के हिसाब से तेज फैसला लेते हैं। तेजस्वी को लेकर यह भी माना जाता है कि वह परिस्थितियों के हिसाब से चुप्पी भी साध लेते हैं। दूसरी तरफ तेज प्रताप की छवि सीधी बात बोलकर सीधा चाल चलने वाले युवा नेता की है। इसी कारण कई बार तेजस्वी को लोग लालू तो तेज प्रताप को राबड़ी देवी का रूप मानते हैं।

तेज प्रताप को कुछ भी छिपाने की आदत नहीं थी और समय देखकर बोलने-कहने की सूझबूझ भी नहीं। यही कारण है कि पार्टी का युवा कार्यकर्ता तेज प्रताप के साथ चल रही पारिवारिक स्थितियों में कहीं न कहीं उनसे सांत्वना रख रहा है। लालू परिवार का बहू ऐश्वर्या राय के साथ मानसिक रूप से होना भी राजद के युवा कार्यकर्ताओं को नहीं सुहा रहा है। तेजस्वी यादव काफी हद तक यह समझ भी रहे हैं, इसलिए वह फ्रंट पर अपने बड़े भाई के पक्ष-विपक्ष में कुछ बोल-सुन नहीं रहे। हालांकि, इसके पीछे भी कहीं न कहीं वह खुद भी कारण है। तेज प्रताप जिन बाहरी लोगों की अपने परिवार में दखलंदाजी से परेशान हैं, उन्हें तेजस्वी हटाने को तैयार नहीं हैं लेकिन खुलकर बोलते भी नहीं। इन स्थितियों में राजद के युवा कैडर में तेज प्रताप के प्रति सहानुभूति बढ़ती ही जा रही है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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