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Fatty Liver: बच्चे हो रहे फैटी लीवर के शिकार, जानें क्या हैं बचाव के उपाय
Fatty Liver: मोटापे की वजह से बच्चों में कोलेस्ट्रल बढ़ जाता है जिससे दिल की बीमारी का खतरा बना रहता है, फैटी लीवर से ग्रसित बच्चों में एलीन ट्रांसमिनेज की मात्रा बढ़ जाती है
Fatty Liver (Social Media)
Fatty Liver: आजकल बच्चों में फैटी लीवर एक आम समस्या है। अनियमित खानपान, व्यायाम व अन्य शारीरिक गतिविधियां फैटी लीवर के प्रमुख कारण होते हैं। एक रिसर्च के अनुसार प्रत्येक 10वां बच्चा फैटी लीवर का शिकार है। पीजीआई के बाल एवं पेट रोग विशेषज्ञ प्रो. मोईनक सेन ने बताया कि बीएमआइ (बॉडी मास इंडेक्स) 24 किलोग्राम प्रतिवर्ग मीटर होने पर फैटी लीवर की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। उन्होंने बताया कि कई रिसर्च में पाया गया है कि फैटी लीवर से ग्रसित कुल मरीजों में से 58-60 प्रतिशत बच्चे 5 से 18 वर्ष की आयु के हैं।
फैटी लीवर से होने वाले नुकसान
फैटी लीवर से ग्रसित बच्चों में एलीन ट्रांसमिनेज की मात्रा बढ़ जाती है। मोटापे की वजह से कोलेस्ट्रल बढ़ जाता है जिससे दिल की बीमारी का खतरा बना रहता है। फौटी लीवर से ग्रसित बच्चे जल्द ही डायबिटीज की चपेट मे आ जाते हैं।
जाने विशेषज्ञो की राय
प्रोफेसर मुइन ने बताया कि बच्चों को दिए जाने वाले फास्ट फूड सबसे बड़ा दुश्मन है। कोरोना के बाद केश में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी हुई, जबकि मेदांता के पेट रोग विशेज्ञ डॉ. अभय वर्मा ने बताया कि शराब, हेपेटाइटिस सी और बी वायरस का संक्रमण लीवर के लिए खतरनाक है।
जाने क्या है फैटी लीवर डिजीज
लीवर की कोशिकाओं में जब ज्यादा मात्रा में फैट इकट्ठा हो जाता है तो इसे फैटी लीवर डिजीज कहा जाता है। जबतक फैट थोड़ी मात्रा मे होता है तबतक कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन जब ये फैट लीवर के वजन से 10 प्रतिशत अधिक हो जाता है तब स्थिति खराब होने लगती है। इससे लीवर के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।
कैसे पाएं समास्या से निजात
वर्तमान में फैटी लीवर से निजात पाने के लिए कोई दवा नहीं है। लेकिन हम अपने आहार में सुधार कर इस समस्या निजात पा सकते हैं। फैटी लीवर के प्रारंभिक दौर में ही आहार परिवर्तन, वजन घटाने और नियमित व्यायाम से फायदा होता है। खाने में फाइबर, कम वसा और अधिक कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार नियमित रूप शामिल करें।