×

देवबंद ने फतवों को जोड़ा कॉपीराइट से, धर्मगुरु बोले ये कॉपीराइट का मामला नहीं

Rishi
Published on: 13 Jan 2018 12:49 PM GMT
देवबंद ने फतवों को जोड़ा कॉपीराइट से, धर्मगुरु बोले ये कॉपीराइट का मामला नहीं
X

सहारनपुर : दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट से मीडिया संस्थानों द्वारा फतवे उठाकर उनका प्रकाशन करने से दारुल उलूम प्रबंधतंत्र नाराज है। उलूम ने इसे कॉपीराइट कानून का उल्लंघन बताते हुए फतवों का प्रकाशन करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का मन बनाया है। मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने दो टूक कहा कि कॉपीराइट का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध अब सीधी कार्रवाई कराई जाएगी।

ये भी देखें :दावतों तबलीग के लिए भी औरतों का बाहर निकलना नाजायज- सत्तर साल पहले का फतवा

लोगों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में दारुल उलूम द्वारा जारी किए जाने वाले फतवे इन दिनों मीडिया की सुर्खियां बने हुए है। जिससे दारुल उलूम खासा नाराज है। फतवों को लेकर हो रही फजीहत के मद्देनजर दारुल उलूम ने अब सख्त कदम उठाने का मत बनाया है। संस्था ने अपनी दारुल इफता विभाग की वेबसाइट पर सख्त नियम डाल दिए हैं।

दारुल उलूम द्वारा वेबसाइट पर लिखा गया है कि वेबसाइट का डाटा या फतवा संस्था की लिखित अनुमति के बिना न तो प्रकाशित किए जा सकते हैं और न ही बांटे जा सकते है। प्रेस या मीडिया किसी भी नेटवर्क के माध्यम से उनके डाटा या फतवों का प्रकाशन नहीं कर सकता है। क्योंकि हमारे यहां जारी फतवों की कॉपीराइट होती है। इसलिए इनका बिना अनुमति प्रयोग गैर कानूनी है।

लोगों की सहूलियत के लिए डाले जाते हैं ऑनलाइन फतवे

दारुल उलूम की आनलाइन फतवा साइट पर उर्दू और अंग्रेजी में लाखों फतवे अपलोड किए जा चुके हैं। दारुल उलूम द्वारा ऑनलाइन फतवे की सहूलियत दूरदराज और विदेशों में रह रहे लोगों के लिए शुरू की गई है। अब इस वेबसाइट से हो रहे फतवों के गलत प्रयोग को रोकने के लिए दारुल उलूम ने कड़ा रवैया इख्तियार किया है।

मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी कहते हैं ‘बिना अनुमति प्रकाशित होने वाले फतवे गलत तरीके से पेश किए जा रहे है। जिससे संस्था के बारे में भ्रामक राय कायम हो रही है। अब यदि कोई भी व्यक्ति या संस्थान कापीराइट कानून का उल्लंघन करते हुए संस्था की वेबसाइट से फतवों या किसी भी तरह के डाटा का प्रकाशन करता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी।’

वहीं मुस्लिम धर्मगुरु यासूब अब्बास कहते हैं कि पहली बात तो यह है कि देश में कोई भी मौलाना फ़तवा जारी नहीं कर सकता। दूसरी बात यह है कि धर्म और उससे जुडी किसी भी बात का कॉपीराइट कोई कैसे करवा सकता है। यह बेमतलब की बातें हैं।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story