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'दर्द का अंत-तुरंत' कर देने वाली FDC की 328 दवायें हुई मार्केट से बाहर
नई दिल्ली: मानव स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 328 फिक्सड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं की बिक्री और वितरण पर बुधवार को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया। बता दें कि इन दवाओं में सर्दी-खांसी और मधुमेह में इस्तेमाल की जाने वाली कई दवाएं शामिल हैं, जिन्हें सेहत के लिए नुकसानदेह माना गया है।
क्या होती हैं एफडीसी दवाएं
एफडीसी दवाएं वह होती हैं, जिन्हें दो या उससे ज्यादा दवाओं को मिलाकर बनाया जाता है। दवा विक्रेताओं ने बताया कि प्रतिबंधित दवाओं की सूची में कई खांसी की मशहूर दवाएं हैं, जिनकी सूची उन्हें मिल गई है। फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होने की वजह कंपनियों को बाजार में मौजूद दवाओं को वापस लेना होगा।
कई देशों में है बैन
अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के साथ ही कई देशों में एफडीसी पर रोक है। भारत के साथ ही कई विकासशील देशों में ये बिकती हैं। देश में महज पुडुचेरी एक ऐसा राज्य है, जिसने एफडीसी पर रोक लगा दी है।
पहले भी हुई थी बैन की कोशिश
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने मार्च 2016 में भी 349 एफडीसी दवाओं की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी थी, जिसके खिलाफ दवा कंपनियां हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट गई थी। दिसंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आए आदेश के बाद दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड ने मामले की समीक्षा की और केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद केन्द्र सरकार ने यह फैसला लिया। सरकार ने जिन 328 एफडीसी पर बैन लगाया है उनका देश के संगठित दवा क्षेत्र में कुल कारोबार करीब 3800 करोड़ रुपये का है।