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आर्थिक पैकेज पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की दूसरे चरण की घोषणाएं
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गत दिवस आत्म निर्भर भारत का पूरा खाका विस्तार से ऱखा था। सीतारमण ने कहा कि दूसरे चरण की घोषणाओं में प्रवासी श्रमिक, रेहड़ी वाले, छोटे किसान आदि शामिल हैं। इसमें तीन प्रवासी श्रमिकों, दो छोटे किसानों से संबंधित है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का एलान किया है। ये राशन कार्ड हर राज्य में मान्य होगा। मार्च 2021 तक इसमें शत प्रतिशत का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। उन्होने गत दिवस आत्म निर्भर भारत का पूरा खाका विस्तार से ऱखा था। सीतारमण ने कहा कि दूसरे चरण की घोषणाएं गरीब प्रवासी श्रमिक, रेहड़ी वाले, छोटे किसान आदि से संबंधित हैं। इसमें तीन प्रवासी श्रमिकों, दो छोटे किसानों से संबंधित है। वित्तमंत्री ने कहा कि तीन करोड़ किसानों को सस्ती दरों पर कर्ज का फायदा सरकार ने दिया है। किसानों को न्यू क्रेडिट कार्ड दिये गए हैं।
वित्तराज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले छह साल में सरकार ने गरीबों, मजदूरों किसानों के लिए बहुत अधिक काम किया है। कोरोना काल में गरीबों के खाते में सीधे पैसा भेजा है। कल एमएसएमई के लिए घोषणा हुई तो इसका फायदा 12 करोड़ लोगों को मिलेगा जो उससे जुड़े हैं। तीन करोड़ किसान चार लाख 22 हजार करोड़ के ऋण ले चुके हैं। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड की मंजूरी दी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र में दिये गए लॉकडाउन के दौरान। मार्च में नाबार्ड के जरिये ग्रामीण बैंकों को पैसा उपलब्ध कराया गया। कृषि क्षेत्र के लिए तीन माह में 8600 करोड़ के लोन दिये गए। इसका कृषि क्षेत्र को लाभ मिला है। ग्रामीण कोआपरेटिव बैंक को 29 हजार करोड़ से अधिक कर्ज दिया गया है।
राज्यों को भी इसके लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं ताकि वह किसानों से अनाज खरीद सकें। राज्यों को 42 सौ करोड़ की राशि ग्रामीण विकास के लिए उपलब्ध कराई गई है।
वित्तमंत्री ने कहा कि शहरी गरीब को राहत देने के लिए राज्य सरकारों का इजाजत दी है कि वह आपदा राहत फंड का उपयोग कर प्रवासी मजदूरों को तीन वक्त खाना व अन्य सुविधाएँ मुहैया कराएं इसके लिए राज्यों को 11 हजार करोड़ रुपय़े दिया गया है। यह कदम पलायन कर रहे मजदूरों के लिए उठाया गया है।
शहरी बेघर गरीबों के लिए शेल्टर होम पहले से हैं वहां के लिए खाना दिया जा रहा है। 12 हजार सेल्फ ग्रुप्स ने तीन करोड़ मास्क और एक लाख 20 हजार लीटर सेनिटाइजर बनाया हैं। और यह सब केंद्र सरकार के सहयोग से हो रहा है। 7200 नये सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए गए हैं। सेल्फ हेल्प ग्रुप के लिए रिवाल्विंग फंड पूरे देश के लिए किया जा रहा है।
प्रवासी मजदूरों की हमें चिंता है। लेकिन प्रवासी मजदूरों को लाभ पहुंचाने के लिए काम के घंटे बढाए गए हैं। और हम लगातार इस पर काम कर रहे हैं। मनरेगा के जरिये भी प्रवासी मजदूरों को एनरोल किया जा रहा है। मनरेगा मजदूरी पहले ही बढ़ाई जा चुकी है। इसमें दस हजार करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं आगे और खर्च जरूरत के हिसाब से किया जाएगा। 2.33 करोड़ लोगों को पंचायतों में काम मिला है।
न्यूनतम मजदूरी में भेदभाव खत्म किया जाएगा। श्रमिकों के वेतन में जो असमानताएं हैं उन्हें दूर करने के उपाय किये जा रहे हैं। मजदूरों का सालाना हेल्थ चेकअप अनिवार्य किया जा रहा है। इन कदमों का लाभ भी प्रवासी मजदूरों को मिलेगा।
पैन इंडिया पूरे देश में लागू किया जाएगा। जिन संस्थाओं में 10 से कम लोग काम कर रहे हैं वहां ईएसआई फायदा पहुंचाया जाएगा। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी लाभ दिया जाएगा। लेबर कोर्ट के माध्यम से मजदूरों को लाभ दिया जाएगा। न्यूनतम मजदूरी तय करने के तरीकों का सरलीकरण किया जाएगा। सभी मजदूरों को नियुक्ति पत्र भी मिलेंगे। वेलफेयर बैनिफिट्स का लाभ प्रवासी मजदूरों को भी मिलेगा। इसका खतरनाक हालात मे काम करने वाले मजदूरों को भी लाभ मिलेगा।
सभी मजदूरों को दो महीने तक मुफ्त अनाज मिलेगा। फ्री चावल मिलेगा। एक किलो दाल दी जाएगी। जिन के पास कार्ड नहीं है उन्हें भी अनाज दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि पलायन करने वाले मजदूर लगभग आठ करोड़ हैं। इनके लिए 3500 करोड़ का प्रावधान किया जा रहा है। राज्य सरकारों को यह लागू करना है। इससे मजदूरों को मुफ्त राशन मिलेगा। यह मुफ्त राशन जुलाई तक दिया जाएगा।
शहरी गरीबों के रहने के लिए रेंटल हाउसिंग स्कीम शुरू की जाएगी। इसमें सरकारी खर्च से सरकार द्वारा रेंटल हाउसिंग काम्प्लेक्स बनाए जाएंगे। इनमें बहुत कम किराया लिया जाएगा।