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Maharashtra: महाराष्ट्र में अब नया सियासी बवाल, उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे पर FIR, जानें क्या है मामला
Maharashtra: मुंबई के एनएम जोशी पुलिस स्टेशन में शिवेसना यूबीटी के तीन नेताओं जिनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे, सुनील शिंदे और सचिन अहीर के खिलाफ आईपीसी की धारा 143,149,326 और 447 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Maharashtra: जून 2022 से महाराष्ट्र की राजनीति में उठापटक का दौर जारी है। बाल ठाकरे की शिवसेना के दोनों गुटों के बीच उनके विरासत पर कब्जा करने की जंग हर रोज दिखती है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला खेमा और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाला खेमा एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी का कोई मौका नहीं गंवाते। दोनों एकबार फिर आमने-सामने हैं। उद्धव ठाकरे के बेटे और विधायक आदित्य ठाकरे समेत अन्य नेताओं के खिलाफ बीएमसी की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने FIR दर्ज की है।
मुंबई के एनएम जोशी पुलिस स्टेशन में शिवेसना यूबीटी के तीन नेताओं जिनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे, सुनील शिंदे और सचिन अहीर के खिलाफ आईपीसी की धारा 143,149,326 और 447 के तहत मामला दर्ज किया गया है। तीनों नेताओं पर लोअर परेल में निर्माणाधीन डेलिस्ले ब्रिज का बिना अनुमति उद्घाटन करने का आरोप है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का कहना है कि पुल का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। इसके बावजूद आदित्य ठाकरे और उनके सहयोगियों ने पुल का उद्घाटन कर दिया।
16 नवंबर को आदित्य ठाकरे ने किया था उद्घाटन
मुंबई की वरली सीट से विधायक आदित्य ठाकरे ने मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर, स्नेहल अंबेकर, पूर्व विधायक सचिन अहीर और सुनील शिंदे के साथ मिलकर 16 नवंबर की रात को लोअर परेल के डेलिस्ले ब्रिज को आधिकारिक रूप से खोल दिया था। उद्धव गुट के नेताओं का कहना है कि लोगों की परेशानी को देखते हुए ब्रिज को खोल दिया गया।
दरअसल, ब्रिज बनकर तैयार है, बस उद्घाटन के लिए एनओसी लेना बाकी है। इसी बीच आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना यूबीटी के नेताओं ने पुल को खोल दिया। जिसको लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है। बीएमसी के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह का उद्घाटन गैरकानूनी है क्योंकि एनओसी के बाद ब्रिज को आम लोगों के लिए खोला जाता है।
शिंदे गुट का उद्धव गुट पर हमला
सीएम एकनाथ शिंदे के गुट जिसे चुनाव आयोग ने असली शिवसेना करार दिया है, ने उद्धव गुट पर निशाना साधा है। पार्टी प्रवक्ता किरण पावस्कर ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) केवल श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। वो कहते हैं कि उन्होंने इन परियोजनाओं को पूरा करने के प्रयास किए। जब वो सत्ता में थे तो घर बैठे थे और घर बैठऩे से कोई काम नहीं हो सकता था। पावस्कर ने कहा कि अंतिम चरण का कुछ काम बाकी है, इसलिए ब्रिज को नहीं खोला गया। ये राजनीतिक नहीं बल्कि तकनीकी मसला है। इन्हें समय से पहले खोलने पर लोगों की जान को खतरा हो सकता है।
बाल ठाकरे की बरसी पर भिड़ गए थे दोनों गुट
दो दिन पहले 16 नवंबर को शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की 11वीं बरसी की पूर्व संध्या पर मुंबई के शिवाज पार्क में दोनों गुटों के नेता और कार्यकर्ता जुटे थे। जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। दोनों गुट के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए थे और हाथापाई शुरू हो गई थी। कड़ी मशक्कत करने के बाद पुलिस स्थिति को काबू में कर पाई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिवंगत शिवसेना संस्थापक की स्मारक पर श्रद्धांजलि देने आए थे, उनके पहुंचते ही उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं ने ‘गद्दार वापस जाओ’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसी पर उनका शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं के साथ विवाद हो गया।