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HMPV in India: भारत के इस राज्य में मिले एचएमपीवी वायरस के दो केस, ICMR ने की पुष्टि
HMPV in India: चीन में एचएमपीवी वायरस कहर बरपा रहा है। यहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोत्तरी हो रही है। चाइल्ड वार्ड से सबसे ज्यादा मरीज इन दिनों भर्ती हुए हैं।
HMPV in India: चीन में तेजी से फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) ने भारत में भी एंट्री कर ली है। कर्नाटक में दो बच्चों में एचएमपीवी वायरस पाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कर्नाटक में दो बच्चों में एचएमपीवी संक्रमण पाया गया है। तीन माह की बच्ची और आठ माह के एक बच्चे में एचएमपीवी संक्रमण पाया गया है। वहीं इन दोनों मामलों के मिलने के बाद कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने आपात बैठक बुलाई है।
उल्लेखनीय है कि चीन में एचएमपीवी वायरस (HMPV Virus) कहर बरपा रहा है। यहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोत्तरी हो रही है। चाइल्ड वार्ड से सबसे ज्यादा मरीज इन दिनों भर्ती हुए हैं। चीन के कई राज्यों में हालात बेकाबू होने की स्थिति में पहुंच गया है। यहीं नहीं इस वायरस के प्रकोप के चलते बड़ी संख्या में लोगों की जान जाने की भी खबर मिल रही है। एचएमपीवी वायरस के तेजी से फैलने के चलते चीन के कई राज्यों में इमरजेंसी घोषित कर दिया गया है। यह वायरस अधिकतर बुजुर्गो और बच्चों को अपना शिकार बना रहा है।
चीन में फैल रहे एचएमपीवी वायरस के कहर को देखते हुए भारत में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। भारत में भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। भारत के कई राज्यों में इस वायरस के चलते एडवाइजरी भी जारी किया गया है। सरकार ने बुखार और सांस संबंधी लक्षणों के मामलों की निगरानी करने के निर्देश दिये है। भारत सरकार का कहना है कि एचएमपीवी वायरस के मामलों की जांच के लिए लैब की संख्या में भी बढ़ोत्तरी की जाएगी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR ) एचएमपीवी वायरस के असर पर निगरानी करेगा।
एचएमपीवी किसे बना रहा शिकार
एचएमपीवी अधिकतर बच्चों, बुजुर्गो और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को अपना षिकार बना रहा है। वायरस का असर होने पर लोगों को सर्दी, बुखार, खांसी और कफ होने की शिकायत हो सकती है। मामले के गंभीर होने पर श्वासं नली के जाम होने और गले में खरखराहट की आवाज आ सकती है।
एचएमपीवी वायरस के गंभीर स्थिति में पहुंचने पर मरीज को ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों में ऑक्सीजन ले जाने वाली नली में सूजन) और निमोनिया (फेफड़ों में पानी भरना) भी हो सकता है। इसके लक्षण कोरोना वायरस से काफी मिलते-जुलते हैं। हालांकि कोरोना वायरस हर सीजन में कहर बरपा सकता है। वहीं एचएमपीवी को मौसमी संक्रमण माना जा रहा है। लेकिन कुछ जगहों पर यह पूरे साल मौजूद भी रहा है।
एचएमपीवी वायरस का असर तीन से पांच दिन तक रहता है।
एचएमपीवी वायरस का उपचार
वर्तमान समय में एचएमपीवी वायरस से बचाव के लिए कोई भी वैक्सीन मौजूद नहीं है और न ही इसके असर को कम करने की अभी तक कोई दवा ही है। एंटी वायरल दवाओं का भी इस पर कोई खास नहीं पड़ रहा है।