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पहली बार केेंद्र को लगा सुप्रीम झटका, अब क्या करेगी मोदी सरकार
पहली बार सरकार के फैसले को लागू करने से रोककर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को झटका दे दिया है। इससे सरकार पर क्या प्रभाव पड़ेगा। सरकार इस फैसले को किस तरह स्वीकार करेगी। इसके विरोध में सरकार की ओर से क्या तर्क दिए जाएंगे
अखिलेश तिवारी
लखनऊ। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को पिछले लगभग सात साल के दौरान पहली बार सुप्रीम झटका लगा है। सरकार ने पिछले सालों में अब तक कई कठोर व ऐतिहासिक फैसले किए हैं लेकिन आज तक उसके फैसलों को रोका नहीं जा सका। कश्मीर में अनुच्छेद 370, नागरिकता संशोधन कानून समेत बड़े फैसलों का विरोध खूब हुआ लेकिन कभी सरकार के फैसले पर रोक नहीं लगी। सात साल पहले केंद्र में सत्ता संभालने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कई परिवर्तनकारी और बड़े फैसले किए लेकिन कभी उनके फैसलों को रोका नहीं गया। वह ऐसे प्रधानमंत्री रहे जिनके फैसलों में संशोधन के लिए भी लोगों को उन्हीं से गुहार लगानी पड़ती रही है।
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया झटका
फोटो- सोशल मीडिया
पहली बार सरकार के फैसले को लागू करने से रोककर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुप्रीम झटका दे दिया है। इससे सरकार पर क्या प्रभाव पड़ेगा। सरकार इस फैसले को किस तरह स्वीकार करेगी। इसके विरोध में सरकार की ओर से क्या तर्क दिए जाएंगे अथवा संसद की सर्वाेच्च्ता का मुद्दा बनेगा। यह अभी भविष्य के गर्भ में है।
सरकार और भाजपा की ओर से प्रतिक्रिया आना बाकी है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के अश्चमेध यज्ञ का घोड़ा रोक लिया है। यह किसान संगठनों को कितना संतुष्ट करने वाला है। अभी इस बारे में भी कुछ स्पष्ट नहीं है लेकिन पिछले डेढ़ महीने से सडक़ पर बैठे किसानों के आक्रोश को इससे थोड़ा कम जरूर किया जा सकेगा।
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मोदी सरकार के अब तक के बड़े फैसले
फोटो- सोशल मीडिया
केंद्र की मोदी सरकार ने अब तक देश में कई बड़े परिवर्तनकारी फैसले किए हैं। जिनमें नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के एक बड़े समुदाय की ओर से कई महीने तक प्रदर्शन किया गया। अनेक लोगों पर राजद्रोह के मामले भी दर्ज हुए। दिल्ली में भयावह दंगे की वजह भी इस कानून व विरोध प्रदर्शन को माना गया।
इसके बावजूद न मोदी सरकार इस पर झुकी और न सुप्रीम कोर्ट ने कोई दखल ही किया। इसी तरह से कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू -कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में परिवॢतत करने का फैसला भी रहा। जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों के नेताओं को उनके घरों में नजरबंद करना पड़ा इसके बावजूद मोदी सरकार की न लोकप्रियता में कमी आई और ना उसे अपना फैसला ही रोकना पड़ा।
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फैसला मोदी सरकार के खिलाफ
तीन तलाक के विरोध में भी मोदी सरकार ने कानूनी सुधार किए। नोटबंदी और जीएसटी के फैसले किए लेकिन इन सभी मामलों में कभी सरकार के फैसले पर अमल रोका नहीं जा सका। यह पहला मामला है जब मोदी सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है। मोदी सरकार हमेशा सुप्रीम कोर्ट की सर्वोच्चता की दुहाई देती रही है।
इससे पहले अयोध्या मामले में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता है तब तक सरकार कुछ नहीं करने वाली है। सरकार केवल सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही मानेगी। ऐसे में अब किसानों के पक्ष में कानून को स्थगित करने वाला फैसला भले ही मोदी सरकार के खिलाफ जा रहा है लेकिन यह सरकार के लिए सर्वोच्च नैतिक बंधन भी है जो उसे मानना ही होगा।
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